पुराने जयपुर के बीचोंबीच स्थित सिटी पैलेस, राजपूत एवं मुग़ल वास्तुशिल्प शैलियों के मिश्रण का नायाब उदाहरण है। जयपुर के संस्थापक महाराजा जय सिंह द्वितीय द्वारा बनाए गए इस महल में पूर्व शाही परिवार के सदस्यों के आवास थे, उनमें से कुछ अब भी निजी संभाग में रहते हैं। इसमें दीवान-ए-आम, दीवान-ए-ख़ास, मुबारक महल एवं महारानी का महल स्थित हैं। मुबारक महल में महाराजा स्वाई मानसिंह द्वितीय संग्रहालय है, जिसमें राजपरिवार के सदस्यों से संबंधित सामान जैसे उत्कृष्ट कढ़ाई वाले परिधान रखे गए हैं। देश में हथियारों के सबसे बड़े संग्रह में से एक महारानी के महल में देखने को मिलता है। दीवान-ए-ख़ास में चांदी के दो बड़े पात्र रखे हुए हैं, जो 1.6 मीटर ऊंचे हैं। ऐसा कहा जाता है कि ये दुनिया में चांदी के सबसे बड़े पात्र हैं। ऐसी संभावना है कि इसमें राजपरिवार के लिए गंगाजल भरकर लाया जाता था। इस महल में अनेक दुर्लभ कलाकृतियां भी विद्यमान हैं।

अन्य आकर्षण