जेम्स हिल्टन द्वारा 1993 में लिखे उपन्यास ‘लाॅस्ट होराइज़न’ में इसका उल्लेख महान शांगरी-ला के अंतिम अथवा शांगरी-ला एक रहस्यमयी, सामंजस्यपूर्ण घाटी के रूप में मिलता है। हिल्टन ने इसके बारे में आगे कहा कि यह ‘गार्डन ऑफ़ इडन ऑन अर्थ’ है, जो हिमालय की घाटी में दूध एवं मधु की छिपी हुई धरती है, जहां पर कोई भी बूढ़ा अथवा कुरूप नहीं है। इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी ‘लाॅस्ट शांगरी-ला’ शीर्षक के दावेदारों की कोई कमी नहीं है, किंतु अब एक नया अरुणाचल प्रदेश उभरकर सामने आया है। प्रचंड हिमालय की चोटियों के बारे में लोग कम ही जानते हैं, कुछ का ही नाम लिया गया है। यहां अकेले ही चढ़ाई चढ़नी होती है। यहां स्थित वन अपने में जीवन समेटे हुए हैं, जिनके बारे में वैज्ञानिक को पता लगाना है। आदिवासी समुदाय के लोगों द्वारा यहां बड़ी बारीकी से गोदना करते हैं जो वनों में घर बनाकर रहते हैं। यहां शानदार बौद्ध मठ हैं तथा रोमांच की कोई कमी नहीं है।

अरुणाचल प्रदेश जहां प्राकृतिक खजान विद्यमान है, जो भारत के पूर्वोत्तर में बसा हुआ है, तीन तरफ से भूटान, चीन एवं म्यांमार से घिरे इस राज्य के सुंदर पहाड़ तथा घुमावदार मार्ग आपको सुकून प्रदान करने का निमंत्रण देते हैं। प्रकृति की आगोश में खोने के लिए अरुणाचल प्रदेश आएं। सुहाने मौसम का भरपूर आनंद लें तथा सीधे-सादे एवं आदर-सत्कार में अव्वल लोगों से मिलें। बर्फीली धुंध, प्रसिद्ध बौद्ध मठ, अनदेखे दर्रे तथा शांत झीलें मिलकर अरुणाचल प्रदेश को सुंदर पर्वतीय स्थल बनाता है। पर्यटक के लिए यहां देखने लायक अनेक विकल्प उपलब्ध हैं जो एक दूसरे से अधिक आकर्षित करते हैं।