यह जयपुर की बहुत ही प्रतिष्ठित इमारत है। गुलाबी रंग का हवा महल भीड़भाड़ वाले जौहरी बाज़ार में शाही अंदाज़ में खड़ा है। पांच-मंज़िला इस इमारत की खिड़कियां मधुमक्खियों के छत्तों के समान दिखाई देती हैं, यह अपने नाम के ही अनुरूप है यानी ‘हवादार महल।’ महाराजा स्वाई प्रताप सिंह ने इसका निर्माण 1799 में करवाया था। हवा महल का निर्माण मुख्य रूप से गर्मियों में राजपरिवार के लोगों के रहने के लिए कराया गया था। इसके अतिरिक्त राजपरिवार की महिलाएं इसकी सफेद चैखटों वाली खिड़कियों से जौहरी बाज़ार की चहल-पहल देखा करती थीं। यद्यपि वे महिलाएं गली में जाते लोगों को तो देख सकती थीं किंतु लोग उन्हें नहीं देख पाते थे। रोचक बात यह है कि ये खिड़कियां इस प्रकार से बनाई गई हैं जो देखने में भगवान कृष्ण का मुकुट लगती हैं। इसके भीतर एक संग्रहालय है जिसमें राजस्थानी भित्तिचित्र देखने को मिलते हैं। बाहर स्थित अनेक दुकानों में हाथ से बने आभूषण, घर को सजाने की चमड़े से बनी वस्तुएं तथा इस क्षेत्र की लोकप्रिय चांदी के आभूषण मिलते हैं। 

अन्य आकर्षण