उत्तराखंड हिमालय से घिरा उत्तर भारत का ऐसा राज्य है जो हिंदू तीर्थों के लिए जाना जाता है। ऋषिकेश योग अध्ययन का एक महान केंद्र हैए यह विश्व में और अधिक चर्चित तब हुआ जब 1968 में विश्व विख्यात संगीत समूह बीटल्स के कलाकारों ने यहां की यात्रा की। इस शहर में पवित्र गंगा नदी के तट पर प्रतिदिन संध्या समय गंगा आरती का आयोजन किया जाता है। उत्तराखंड में ही जिम कार्बेट नेशनल पार्क है जो बंगाल टाइगर्स और अन्य स्थानीय प्रजातियों के वन्य जीवों की महत्वपूर्ण आश्रय स्थली है।    उत्तराखंड जिन बातों के लिए विख्यात है उन सभी में सौन्दर्य अंतर्निहित हैए चाहे वह हिमालय की उत्तुंगता होए नदियों की पवित्रता होए आध्यात्मिक रहस्यात्मकता होए मोहक भूदृष्य होंए प्रकृति के निरंतर रंग परिवर्तन का खेल होए प्राचीन पत्थरों में खुदा हुआ मनोहारी इतिहास हो या प्रचुरता से पाए जाने वाली वनस्पतियों और जीवों का सम्मोहक संसार हो हर कहीं लोग इस असाधारण सौंदर्य का अनुभव कर सकते हैं। मिथकए उपाख्यान और कहानियां यहाँ के हर उस दृष्य का हिस्सा हैं जो देखने वाले की आंखों के सामने प्रकट होता है। सदियों से चली आ रही परंपराओं ने हिमालय की इन गौरवशाली ऊंचाइयों को सम्मान दिया है जिन्हें सहज रूप से देवताओं का निवास माना जाता है। हिंदू कथाओं का एक पूरा भाग इस देव भूमि से संबंधित है। अधिकृत दस्तावेजों में यह पाया गया है कि हिमाच्छादित इस देवभूमि की यात्रा लोग 1500 साल से करते आ रहे हैं और उत्तराखंड आज भी उन लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है जो आध्यात्मिक मुक्ति और जीवन के रहस्य जानना चाहते हैं। आज ये पर्वत सिर्फ आध्यात्मिकता तक सीमित नहीं हैं। आज यात्री यहां पर पर्वतारोहणए ट्रेकिंगए माउंटेन बाइकिंगए रॉक  क्लाइम्बिंगए या दुनिया के सबसे ऊंचे पहाडी इलाके में टहलने का आनंद प्राप्त कर सकते हैं। उत्तराखंड के इस करिश्माई सौंदर्य की चर्चा तब तक अधूरी ही मानी जाएगी जब तक ईश्वर की अपार कृपा से समृद्ध इस प्रदेश के लोगों का जिक्र ना किया जाए। सादगी से भरे हुएए हर किसी की मदद करने के लिए सदा तैयार और कठिन परिश्रम करने वाले लोग भी यहां की प्रकृति का ही एक हिस्सा हैं। कई भारतीय जनजातीय समूह अपनी परंपराओं और संस्कृति की ख़ासियत कायम रखे हुए भी यहां शांति और सह अस्तित्व की भावना के साथ दूसरों के साथ निवास करते हैं।  एक अढ्भुत पर्यटन क्षेत्र होने के अलावा उत्तराखंड मानवविज्ञानियोंए इतिहासकारोंए पक्षी वैज्ञानिकोंएभाषा वैज्ञानिकों और भूवैज्ञानिकों आदि के लिए सोने की खान हैए आप किसी भी क्षेत्र का नाम लीजिये हर क्षेत्र के लिए इस प्रदेश के पास कुछ ना कुछ है। इस समृद्ध धरा का पूरी तरह से वर्णन करने के लिए कोई शब्द पर्याप्त नहीं है। यहां के आध्यात्मिक और संवेदनशील अनुभवों की विविधता किसी भी भाषा या बोली से परे है।