भारत के उत्तर पूर्व और बांग्लादेश के बीच स्थित त्रिपुरा राज्य का वर्णन पौराणिक कथाओं में भी है, इस राज्य का इतिहास 2500 वर्ष पुराना है जिसमें 186 राजाओं का शासनकाल भी शामिल है। ‘राजमाला’ के अनुसार त्रिपुरा का राजदरबार विख्यात था। प्राचीन काल में ‘त्रिपुर’ नामक राजा इस क्षेत्र में शासन करता था, उसी के नाम पर ही इस राज्य का वर्तमान नाम पडा। प्राचीन समय से त्रिपुरा का सह अस्तित्व और शांतिपूर्ण इतिहास इसे एक अनूठे पर्यटन स्थल का रूप प्रदान करता है। सांस्कृतिक धाराओं की विविधता, प्राचीन मंदिर, पौराणिक इतिहास, बेजोड स्थापत्य, हस्तकला, पारंपरिक कलाएं और संगीत, प्रचुर जैव विविधता और हरे-भरे मैदान उन कुछ विलक्षण अनुभवों में से एक हैं जो त्रिपुरा आने के बाद आपको होते हैं। . पर्यटकों के आकर्षण के लिए अनेक विविधताओं से संपन्न यह राज्य अपने आप में प्राचीन ऐतिहासिक स्मारकों, महलों, जल इकाइयों, धार्मिक महत्व को रेखांकित करते मंदिरों, मस्जिदों और बौद्ध स्तूपों को समाहित किए हुए है। जंगल, वन्य जीवन, पारंपरिक हस्तकला और समृद्ध सांस्कृतिक विविधता से संपन्न त्रिपुरा में पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं हैं।