टोंक में स्थित यह सुनहरी कोठी, राजस्थान की सुंदर हवेलियों में से एक है। यह टोंक-स्वाई माधोपुर राष्ट्रीय राजमार्ग से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसका निर्माण नवाब मोहम्मद इब्राहिम अली ख़ान द्वारा कराया गया था, जो संगीत के शौकीन थे तथा नृत्य व शायरी में भी उनकी रुचि थी। सुनहरी कोठी शीश महल के नाम से अधिक लोकप्रिय है तथा इसकी सुंदरता अनेक पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। हवेली की भीतरी दीवारों पर सोने के रंग से पुताई की गई है तथा कांच व रत्नों से सजावट हुई है। इस कोठी की स्थापत्यकला मुग़लशैली का उत्कृष्ट उदाहरण है। राजस्थान सरकार ने इसे ऐतिहासिक स्मारक घोषित किया है। कला प्रेमियों के लिए यह शानदार जगह निस्संदेह देखने लायक है।

ऐसा कहा जाता है कि जिस क्षेत्र में यह हवेली स्थित है, उस पर पठानों का शासन हुआ करता था। इसलिए इस संरचना पर मुग़ल वास्तुकला की छाप देखने को मिलती है। 

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