बिहार की प्राचीनता इसके नाम से ही स्पष्ट है, जो प्राचीन षब्द ‘विहार’ (मठ) से लिया गया है। यह वास्तव में मठों की भूमि है। इस प्राचीन भूमि में हिंदू, बौद्ध, जैन, मुस्लिम और सिखों के धार्मिक स्थल हैं, जहां पर भारत के पहले प्रमुख साम्राज्यों का उत्थान व पतन हुआ। जहां दुनिया के सबसे पुराने विष्वविद्यालय के खंडहर विद्यमान हैं, जो समय की परत में विश्राम कर रहे हैं। व्यापक एवं गहरे रूप में बहता हुआ गंगा का प्रवाह, बंगाल के डेल्टा क्षेत्र में बंटने से पहले बिहार के मैदानों को समृद्ध करता है। सभी भारतीय राज्यों में, बिहार बुद्ध के जीवन से सबसे अधिक जुड़ा हुआ है, जिसके परिणास्वरूप तीर्थयात्राओं का मार्ग प्रषस्त हुआ है जो बौद्ध सर्किट के रूप में जाना जाता है। बौद्ध के जीवन से जुड़े स्थलों का आरंभ राज्य की राजधानी पटना से होता है, जहां एक प्रसिद्ध संग्रहालय में हिंदू और बौद्ध मूर्तियों का संग्रह है, साथ ही वहां पर टेराकोटा का एक कलष भी है, ऐसा कहा जाता है कि उसमें भगवान बुद्ध की राख रखी हुई है। ज्ञान की प्राप्ति से पहले बुद्ध ने राजगीर में पांच वर्ष बिताए थे और राजगीर में स्थित अनेक अवषेष बुद्ध के जीवन से जुड़ी घटनाओं का स्मरण कराते हैं। गृद्धकूट की पहाड़ियां संभवतः सबसे महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि भगवान बुद्ध ने अपने अधिकांष उपदेष यहीं पर दिए हैं। बोधगया वह स्थान है, जहां भगवान बुद्ध ने आत्मज्ञान प्राप्त किया था, महाबोधि मंदिर में सटीक स्थान को चिह्नित किया गया है।बिहार (नालंदा) में 5वीं से 11वीं सदी तक एक मठ विष्वविद्यालय का विकास हुआ। ऐसा कहा जाता है कि इसमें नब्बे लाख किताबें थीं, जिसमें 2,000 षिक्षक थे जो 10,000 छात्रों को ज्ञान प्रदान करते थे जो बौद्ध जगत से आते थे। भगवान बुद्ध ने स्वयं यहीं षिक्षा प्राप्त की थी और 7वीं सदी में यहां आए चीनी यात्री हेन सांग, यहीं के छात्र थे। यहां चल रहे उत्खनन में मंदिरों, बौद्ध मठों एवं व्याख्यान कक्षों का पता चला है। राजगीर ‘षाही महल’ जो 12 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है, पहली बौद्ध परिषद का स्थल था।बिहार का यह भू-भाग नेपाल, बंगाल, ओडिषा, मध्य प्रदेष, उत्तर प्रदेष से घिरा हुआ है तथा जिसमें चार सांस्कृतिक क्षेत्र-भोजपुर, मिथिला, मगध और छोटा नागपुर षामिल हैं। उत्तर से कोसी व गंडक नदियां तथा दक्षिण से सोन नदी गंगा में जा मिलती हैं। उपजाऊ मैदानों में, ध् ाान, गन्ना, तिलहन, चना, मक्का, जूट, जौ और गेहूं की खेती की जाती है।