यह एक बौद्ध ध्यान केंद्र है जो शांति और सद्भाव का प्रतीक बनकर अरब सागर के किनारे खड़ा है। इस स्मारक में आने वाले हर व्यक्ति को भगवान बुद्ध के विचारों और शिक्षाओं को करीब से जानने के उद्देश्य से इसे बनाया गया था। यहां भगवान बुद्ध की अस्थियों के असली अवशेष हैं। ये एक तीन-मंजिला विशाल और खोखली पत्थर की संरचना है जो एक चमकदार थाई गोल्डन पेंट से रंगी गई है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा बिना स्तम्भों वाला गुंबद कहा जाता है जिसे विशेष रूप से मेडिटेशन के लिए बनाया गया था। अवशेषों को बीच वाले गुंबद के केंद्र में रखा गया है और मुख्य गुंबद के केंद्र में एक घूमने वाली स्टेज जमीनी स्तर पर बनाई गई है ताकि उपदेशों को सुनते हुए इसके चारों ओर ध्यान लगाया जा सके। इसमें एक बार में 8,000 से भी अधिक लोग एक साथ ध्यान लगा सकते हैं। कॉम्प्लेक्स में एक ऑडियो-विजुअल सेंटर है और एक किताबों और स्मृति चिन्हों की दुकान के बगल में ही वॉल-माउंट्स और तस्वीरों की एक गैलरी भी है।

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