महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई, ऊंचे सपने देखने वाले लोगों के लिए बहुत ही आकर्षक जगह है। यह एक ऐसी अनोखी जगह है, जहां अतीत भविष्य से और इतिहास आधुनिकता से आकर जुड़ता है। ये शहर व्यापार और मनोरंजन के बीच बसा है और अपनी एक अलग ही धुन पर धड़कता है। अरब सागर के किनारे बसा मुंबई विरासत, संस्कृति, चकाचौंध और ग्लैमर का अनूठा संगम है। यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त ऐतिहासिक खूबसूरत इमारतों से लेकर, अमीर लोगों के आधुनिक घरों तक, मुंबई में सब कुछ है।

भारत की वित्तीय राजधानी, मुंबई में देश के सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थान जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और सेबी हैं। यहां कई भारतीय और इंटरनेशनल कंपनियों के कॉर्पोरेट हेडक्वार्टर्स भी हैं। यह भारत के कुछ प्रमुख वैज्ञानिक और परमाणु संस्थान भी हैं।

बॉलीवुड के नाम से मशहूर, अपने फलते-फूलते फिल्म निर्माण उद्योग की बदौलत, मुंबई हिंदी सिनेमा का केंद्र है। हर साल, कई नए चेहरे इस शहर में आते हैं, जो चकाचौंध भरी फ़िल्मी दुनिया में अपना नाम बनाने की चाह रखते हैं। चाहे कोई उद्यमी, व्यापारी, कलाकार, उद्योगपति, सॉफ्टवेयर इंजीनियर या मज़दूर ही क्यों न हो, मुंबई सभी तरह के कामकाजी लोगों के लिए वास्तव में जन्नत से कम नहीं है।

बरसों पहले मुंबई का भौगोलिक क्षेत्र सात अलग-अलग द्वीपों में फैला हुआ था, जो कई शताब्दियों से मछुवारा समुदायों का घर हुआ करते था। शुरुआती दौर में ये द्वीप स्वदेशी साम्राज्यों के हिस्से थे। फिर इन पर सबसे पहले पुर्तगालों का कब्ज़ा हुआ और अंत में इन्हें ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को सौंप दिया गया। 18 वीं शताब्दी के दौरान, हॉर्बी वेल्लार्ड प्रोजेक्ट शुरू किया गया जो भारत के सबसे बड़े भूमि सुधार अभियानों में से एक था। इसमें इन सात द्वीपों को जोड़ने के लिए समुद्र के ऊपर सड़कों और रेलवे का निर्माण किया गया। इस प्रोजेक्ट ने सारी ज़मीन को एक साथ जोड़ दिया और एक शहर बसाया गया, जो आगे चलकर अरब सागर में एक प्रमुख समुद्री बंदरगाह बना, जिससे ये एक विशाल आर्थिक और व्यापारिक शहर के रूप में उभरा। वर्ष 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, इस शहर को बम्बई राज्य में शामिल कर लिया गया। आगे चलकर वर्ष 1960 में, एक नया राज्य महाराष्ट्र बनाया गया, जिसकी राजधानी बम्बई बनाई गई। वर्ष 1996 में बम्बई का नाम बदलकर मुंबई कर दिया गया।

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