नागार्जुन सागर से 18 किमी दूर स्थित, एत्तीपोतला जलप्रपात अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। 22 मीटर की ऊंचाई से गिरता यह झरना, कृष्णा नदी में जाकर मिल जाता है। तेज बहाव से पानी गिरने की आवाज़, परिदृश्य के चारों ओर गूंजती है। यह भव्य जलप्रपात तीन धाराओं के मिलने से बनता है, जिनका नाम है, नक्का वागु, तुम्मला वागु और चंद्रवंका वागु। पास में ही एक मगरमच्छ प्रजनन केंद्र है जहां का भ्रमण भी दिलचस्प होता है। इसी जगह पर दो लोकप्रिय मंदिर हैं, रंगनाथ और दत्तात्रेय मंदिर, यहां भी आप घूम सकते हैं।यह एत्तीपोतला नाम संस्कृत शब्द 'यति तपोस्थल' से लिया गया है, जिसका अर्थ है यति का तपस्या स्थल। ऐसा माना जाता है कि अनेक संतों ने यहां कठोर तपस्या की थी। आसपास के क्षेत्र में कई गुफाएं हैं जिन्हें देखने में पर्यटकों को काफी आनन्द आयेगा।

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