प्रसिद्ध चारमीनार से कुछ ही दूरी पर स्थित, प्रसिद्ध पैगाह मकबरे हैदराबाद का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। 30-40 एकड़ के क्षेत्र में फैले इस कब्रगाह परिसर में 27 शानदार संगमरमर के मकबरे हैं, जिसके कंगूरे अद्भुत हैं। इनकी दीवारों और खंभों पर जटिल नक्काशी की गई हैं। इस पर नाजुक ढंग से जाली का काम किया गया है। मकबरों को शानदार ढंग से उकेरा गया है और उन पर मोज़ेक टाइल का काम भी काफी दिलचस्प है। प्रसिद्ध जाली का काम, इस संरचना के आकर्षण को और बढ़ा देता है। पश्चिमी छोर पर, एक रीगल मस्जिद है। प्रातःकाल और संध्या की बेला में, जब दीवारों पर बनी जालियों से सूर्य की रोशनी छनछन कर संगमरमर के फर्श पर गिरकर बेशुमार आकर्षक पैटर्न बनाती हैं, तो यहां का वातावरण अलौकिक हो जाता है।पैगाह कब्रगाह की शुरुआत 18वीं सदी के उत्तरार्ध में हुई, और इसे इंडो-सरसेनिक (भारतीय-अरबी) वास्तुकला का एक अच्छा उदाहरण माना जाता है।

पैग़ाह मूल रूप से हैदराबाद रियासत की सर्वोच्च श्रेणी के रईसों के लिये था जिन्होंने निज़ामों की बेटियों से शादी की थी। वे अकेले ऐसे लोग थे जिन्हें सुल्तानों द्वारा अपनी निजी सेना रखने की अनुमति दी गई थी।

अन्य आकर्षण