हुसैन सागर झील

हुसैन सागर झील देश की सबसे बड़ी मानव निर्मित झीलों में से एक मानी जाती है। इस झील को दिल का आकार दिया गया है और इसके चारों ओर खुले स्थान का बड़ा सा घेरा है। इसे मुसी नदी की एक सहायक नदी पर बनाया गया है और यह झील, हैदराबाद और सिकंदराबाद शहरों को जोड़ती है।

झील, वाटर स्पोर्ट्स (जल क्रीड़ा) का एक केंद्र है, जिसमें पैरासेलिंग, कयाकिंग, पैडल बोट की सवारी, कनुइंग, जेट स्कीइंग, नौकायान, पाल नौकायान, कैटामारन सवारी और इसमें यहां का लक्ज़री क्रूज़ भी शामिल हैं। यहां का वार्षिक रेगाटा (नौका रेस), दुनिया भर के पेशेवर प्रतियोगियों को आकर्षित करता है। यदि आप पाल नौकायन में अपना हाथ आजमाना चाहते हैं, तो झील पर भारत के यॉट क्लब द्वारा प्रस्तुत कई अल्पकालिक पाठ्यक्रमों में से किसी एक को चुनें। यदि आप वाटर स्पोर्ट्स में नहीं हैं, तो आप झील के चारों ओर एक सुखद नाव की सवारी का विकल्प चुन सकते हैं। नियमित नौकाएं, ईट स्ट्रीट और झील के किनारे स्थित लोकप्रिय लुम्बिनी पार्क, दोनों से, झील के बीच बनी भगवान बुद्ध की प्रतिमा तक जाकर आने के लिए, 30 मिनट की वापसी यात्रा करती हैं। आप चाहें तो झील के किनारे बैठ सकते हैं, या इसके नीले पानी पर हिलती-डुलती रंग-बिरंगी पाल नौका पर बैठ कर, पृष्ठभूमि में हैदराबाद शहर को गुजरते हुए देख सकते हैं।इब्राहिम कुली कुतुब शाह के शासनकाल के दौरान, सन् 1562 ईस्वी में सूफी संत हुसैन शाह द्वारा इस झील का निर्माण किया गया था। इसको शहर की पेयजल और सिंचाई आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बनाया गया था। यह मुगलों और गोलकोंडा शासकों के बीच हुई ऐतिहासिक संधि का स्थल भी था। कभी-कभी स्थानीय लोगों द्वारा इसे 'टैंक बंड' के नाम से पुकारा जाता है, क्योंकि सन् 1990 के दशक में यहां एक बांध ('बंड') का निर्माण किया गया था।

हुसैन सागर झील

एत्तीपोतला झरना

नागार्जुन सागर से 18 किमी दूर स्थित, एत्तीपोतला जलप्रपात अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। 22 मीटर की ऊंचाई से गिरता यह झरना, कृष्णा नदी में जाकर मिल जाता है। तेज बहाव से पानी गिरने की आवाज़, परिदृश्य के चारों ओर गूंजती है। यह भव्य जलप्रपात तीन धाराओं के मिलने से बनता है, जिनका नाम है, नक्का वागु, तुम्मला वागु और चंद्रवंका वागु। पास में ही एक मगरमच्छ प्रजनन केंद्र है जहां का भ्रमण भी दिलचस्प होता है। इसी जगह पर दो लोकप्रिय मंदिर हैं, रंगनाथ और दत्तात्रेय मंदिर, यहां भी आप घूम सकते हैं।यह एत्तीपोतला नाम संस्कृत शब्द 'यति तपोस्थल' से लिया गया है, जिसका अर्थ है यति का तपस्या स्थल। ऐसा माना जाता है कि अनेक संतों ने यहां कठोर तपस्या की थी। आसपास के क्षेत्र में कई गुफाएं हैं जिन्हें देखने में पर्यटकों को काफी आनन्द आयेगा।

एत्तीपोतला झरना

लुम्बिनी पार्क

लुम्बिनी पार्क हुसैन सागर झील के किनारे एक विशाल उद्यान परिसर है। नौकाविहार, बच्चों के खेलने के मैदान, भोजनालयों, फूलों की घड़ी और दो संगीतमय फव्वारे जैसे मनोरंजन के विकल्प यहां मौजूद हैं, जो परिवारिक सैर के लिए एक शानदार जगह है।इस पार्क को सन् 1994 में हैदराबाद शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित किया गया था और इसका नाम भगवान बुद्ध के जन्मस्थान के नाम पर रखा गया है। यह पार्क, भगवान बुद्ध की प्रसिद्ध प्रतिमा के निकट है।

लुम्बिनी पार्क