जिस का शाब्दिक अर्थ है जीवन का विज्ञान, आयुर्वेद की पद्धति समय जितनी ही पुरानी है। मान्यता है की आयुर्वेद, जिसकी उत्पत्ति भारत में ही हुई है, इसका ज्ञान देवताओं ने ऋषियों को दिया था।, कहा जाता है कि त्रिमूर्ति में से एक ब्रह्मा ने इस प्राचीन शास्त्र की रचना की थी। यह विज्ञान पारंपरिक हिन्दू औषधि तंत्र पर आधारित है और इसके पीछे जो विचार काम करता है वह यौगिक श्वसन नियंत्रण, वानस्पतिक उपचार और आहार द्वारा शरीर तंत्र में संतुलन पैदा करना है।

आयुर्वेद का सबसे बड़ा संस्थान राजधानी दिल्ली में स्थित है और आल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद कहलाता है। इस संस्थान में शोध किया जाता है और यह आधुनिक पद्धतियों को प्राचीन आयुर्वेदिक शास्त्र में मिश्रित करके अधिक से अधिक लाभदायक पद्धति की खोज करते हैं।

सात एकड़ में फैले हुए आयुर्वेदाग्राम हेरिटेज वेलनेस सेंटर में रोगों का आयुर्वेदिक उपचार किया जाता है। यह केंद्र बैंगलोर शहर से 21 किमी दूर स्थित है और यह बैगलोर आश्रम - आर्ट ऑफ लिविंग का अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय है।

देहरादून के स्वप्न चित्रित वातावरण में "वन" स्थित है, जो एक कल्याणकारी एकांत स्थान है। इस केंद्र में आयुर्वेद, तिब्बती उपचार पद्धति सोवा रिगपा, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के साथ साथ आधुनिक स्पा, फिटनेस और एक्वा तकनीकों द्वारा रोगों का उपचार करने का दावा करते हैं।

इगतपुरी, जो नासिक से 45 किमी दूर है, यहाँ विपस्सना इंटरनेशनल अकादमी स्थित है, जो आत्म शुद्धि के लिए ध्यान की शिक्षा देती है। गोवा में देवया स्थित है, जो आयुर्वेदिक और प्रकृतिक उपचार द्वारा भावनात्मक और मानसिक उपचार का दावा करते हैं। 

मैसूर के चामुंडी पर्वतों पर स्थित इंडस वैली आयुर्वेदिक सेंटर जो डीटॉक्स उपचार, मालिश, मोटापा कम करने का उपचार और मस्तिष्क एवं शरीर के सम्पूर्ण कायाकल्प के लिए विभिन्न सौन्दर्य उपचार प्रस्तुत करता है। यहाँ आयुर्वेद और पाककला के पाठ्यक्रम भी संचालित किए जाते हैं।