शिमला रिजर्व फॉरेस्ट सैंक्चुअरी के हरे-भरे वातावरण में स्थित, मशोबरा का विलक्षण संगम, बेजोड़ सौंदर्य समेटे हुए है। संकीर्ण गलियों से घिरी, औपनिवेशिक इमारत, शांत चर्च और मशोबरा के प्राचीन मंदिरों की श्रृंखला पर्यटकों को विस्मित कर देता है। यह कभी भारत के राष्ट्रपति की आधिकारिक तौर पर रुकने की जगह हुआ करती थी। राष्ट्रपति प्रतिवर्ष अन्य गणमान्यों से भेंट करने यहां आते थे। अपने औपनिवेशिक आकर्षण में सराबोर और वर्ष 1850 में बनी यह जगह पूरी तरह से लकड़ी से बनी है। गर्मियों के मौसम में राष्ट्रपति, यहां दो सप्ताह के लिए रूकते थे, और साथ ही साथ शिमला आने वाले विदेशी गणमान्य व्यक्ति भी यहीं ठहरते थे। वन्यजीव को करीब से देखने वाले लोग रिजर्व फॉरेस्ट सैंक्चुअरी जा सकते हैं, जिसमें देवदार, ओक और पाइन के पेड़ों की पूरी श्रृंखला है। पर्यटक यहां जिन कुछ जीवों को देख सकते हैं उनमें तेंदुए, बंदर, बबून, सियार और मुंतजाक हिरण शामिल हैं। मशोबरा अपनी चिकनी ढलानों के लिए भी प्रसिद्ध है, जो गर्मियों के मौसम में पैरा ग्लाइडिंग और सर्दियों में स्कीइंग के काम आती है। यह शिमला से मात्र एक घंटे की दूरी पर स्थित है और इस प्रांत के सबसे अधिक जल-संभर भी यहीं है, संपूर्ण जिलेे के लिए जल की आपूर्ति यहीं से की जाती है। यहां के कई झरने जो जल-संभर को जल आपूर्ति करते है, पर्यटक रोमांच के लिए उनका दौरा कर सकते हैं। पर्यटक यहां राफ्टिंग का मजा ले सकते हैं, जो पर्यटकों को रोमांचकारी अनुभव प्रदान करती है। नेचर लवर्स के लिए यहां एक ट्रेल (पगडंडी) है, जो शालि टिब्बा को जाती है, जो लगभग 9,423 की ऊंचाई पर स्थित है। अपनी इसी ऊंचाई के कारण यह प्रकृति प्रेमियों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र है।

अन्य आकर्षण