योग संस्थान

दुनिया के सबसे पुराने संगठित योग केंद्रों में से एक 'योग संस्थान' सरकार द्वारा संचालित एक गैर-लाभकारी संगठन है। वर्ष 1918 में श्री योगेन्द्र जी द्वारा स्थापित, यह सांताक्रूज़ (पूर्व) में स्थित है। योगेंद्र जी लोगों को शारीरिक बीमारियों से निपटने और संतुलित जीवन जीने में मदद करने वाली योग की प्राचीन प्रथा को घर-घर पहुंचाना चाहते थे। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने इसी उद्देश्य से इस संस्थान की स्थापना की थी। उन्हें अक्सर आधुनिक योग पुनर्जागरण का पिता कहा जाता है। इस संस्थान में प्रतिदिन हजारों लोगों को न केवल योग के स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताया जाता है बल्कि उन्हें समुचित प्रशिक्षण भी दिया जाता है। योग सिखाने का एक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम भी यहां संचालित होता है। संस्थान द्वारा अपने लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए कई पुस्तकें प्रकाशित की गई हैं जो योग चिकित्सा, कपल्स काउंसलिंग, आसन, प्राणायम, आचार, पारंपरिक शास्त्र आदि से संबंधित हैं।

योग संस्थान

ग्लोबल विपासन पगोडा

यह एक बौद्ध ध्यान केंद्र है जो शांति और सद्भाव का प्रतीक बनकर अरब सागर के किनारे खड़ा है। इस स्मारक में आने वाले हर व्यक्ति को भगवान बुद्ध के विचारों और शिक्षाओं को करीब से जानने के उद्देश्य से इसे बनाया गया था। यहां भगवान बुद्ध की अस्थियों के असली अवशेष हैं। ये एक तीन-मंजिला विशाल और खोखली पत्थर की संरचना है जो एक चमकदार थाई गोल्डन पेंट से रंगी गई है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा बिना स्तम्भों वाला गुंबद कहा जाता है जिसे विशेष रूप से मेडिटेशन के लिए बनाया गया था। अवशेषों को बीच वाले गुंबद के केंद्र में रखा गया है और मुख्य गुंबद के केंद्र में एक घूमने वाली स्टेज जमीनी स्तर पर बनाई गई है ताकि उपदेशों को सुनते हुए इसके चारों ओर ध्यान लगाया जा सके। इसमें एक बार में 8,000 से भी अधिक लोग एक साथ ध्यान लगा सकते हैं। कॉम्प्लेक्स में एक ऑडियो-विजुअल सेंटर है और एक किताबों और स्मृति चिन्हों की दुकान के बगल में ही वॉल-माउंट्स और तस्वीरों की एक गैलरी भी है।

ग्लोबल विपासन पगोडा