लखनऊ से लगभग 25 किमी दूर बाराबंकी जिले में स्थितए देवां शरीफ़ एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। इस ऐतिहासिक शहर का मुख्य आकर्षणए सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की दरगाह हैए जो सार्वभौमिक भाई चारे का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि उनके पास रहस्यमयी शक्तियां थीं।देवां शरीफ़ में श्मज़ारश् ;क़ब्रद्ध की ज़ियारत ;दर्शनद्ध करने के लिए दुनिया भर से भक्त यहां पर साल भर आते हैं। आमतौर पर अक्टूबर और नवंबर में सालाना उर्स के अवसर पर इसे देवां मेला भी कहा जाता है। मेले के मुख्य आकर्षण में कवि सम्मेलन ;मुशायराद्धए संगीतमय प्रदर्शन आदि शामिल हैं। मेले में आतिशबाज़ी का भी सुन्दर एवं शानदार प्रदर्शन होता है।देवां शरीफ़ भी देश के उन चुनिंदा स्थानों में से एक हैए जहां लोग अपनी धार्मिक मान्यताओं से निरपेक्ष होकर होली खेलने आते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि हाजी वारिस अली शाह का मानना था कि हर एक धर्म प्रेम और भक्ति पर आधारित हैए और इसी वजह से भाई चारे की यह परंपरा शुरू हुई। हिंदुओं और मुसलमानों के मन में उनके लिए समान श्रद्धा हैए जो उनका आशीर्वाद लेने के लिए उनके दरबार ;आस्तानेद्ध में आते हैं।

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