उत्तर प्रदेश का अयोध्या नगर शांत सरयू नदी के किनारे स्थापित एवं हिंदू धर्म के सर्वाधिक पवित्र स्थलों में से एक है और पूरे वर्ष हजारों तीर्थयात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। हिंदू महाकाव्य रामायण में वर्णित भगवान राम के जन्मस्थान के रूप में प्रतिष्ठित यह शहर मंदिरों से घिरा हुआ है, जिनमें से कुछ सरयू के घाटों पर स्थापित हैं। दीपावली के दिन मनाए जाने वाले दीपोत्सव के दौरान यहाँ लाखों मिट्टी के दीपक जलाए जाते हैं, जिनकी आभा में अयोध्या शहर अत्यधिक सुन्दर एवं शानदार दिखाई देता है । सरयू पर तैरते हुए दीपकों का नज़ारा मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है। यहाँ पर्यटन करने का सबसे अच्छा समय दीपावली पर्व के दौरान होता है जब मंदिर देदीप्यमान होते हैं और सड़कों पर उत्सव का सा माहौल होता है।

अयोध्या को चार जैन तीर्थंकरों अर्थात संतों की जन्मभूमि भी कहा जाता है और इस नगर तथा इसके आसपास के क्षेत्रों में उन सन्तों की स्मृति में अनेकों जैन मंदिर स्थापित हैं।

लखनऊ शहर से लगभग 135 किमी दूर स्थित अयोध्या ऐतिहासिक रूप से सूर्यवंश की राजधानी थी और प्राचीन काल में कौशलदेस के नाम से जानी जाती थी। अवध के नवाब सआदत खान द्वारा इसके निकट स्थापित फैजाबाद नगर भी देखने योग्य है। सुंदर किलों, मकबरों और मस्जिदों से आच्छादित यह नगर इतिहास की झलक प्रस्तुत करता है।