राम-की-पैरी में स्थित नागेश्वरनाथ मंदिर अयोध्या का एक प्रमुख आकर्षण है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसका गर्भगृह भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों (भगवान शिव का भक्तिमय रूप) में से एक है। यह माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण भगवान राम के छोटे पुत्र, कुश ने किया था। किंवदंती है कि जब सरयू नदी में नहाते समय कुश ने अपना कवच खो दिया था, तो वह एक नाग-कन्या को मिल गया, जिसे कुश से प्रेम हो गया। कुश ने भगवन शिव की भक्त उस नाग-कन्या के लिए एक शिव मंदिर स्थापित किया, और यह वही मंदिर है। 1750 में नवाब सफदर जंग के एक मंत्री नवल राय द्वारा मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया था। मंदिर में जाने का सबसे अच्छा समय शिवरात्रि उत्सव के दौरान होता है, जिसे यहां बड़े धार्मिक उत्साह के साथ मनाया जाता है और सड़कों पर भगवान शिव की बारात भी निकाली जाती है। 

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