राज्य के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में से एक, तमिल विश्वविद्यालय वास्तुशिल्प कला का उच्चतम उदाहरण हैं। तंजावुर में सबसे प्रसिद्ध शैक्षणिक केंद्रों में से एक, इसे तमिल भाषा, साहित्य और संस्कृति सिखाने और अनुसंधान की प्रगति को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। विश्वविद्यालय में एक संग्रहालय है, जो इसका प्रमुख आकर्षण है। इस संग्रहालय की 10 दीर्घाओं में मौजूद प्रदर्शनियों में तमिलियन संस्कृति से जुड़ी 3,500 से अधिक वस्तुएं शामिल हैं; जिनमें से अधिकांश दैनिक उपयोग में आने वाले शिल्प और उपकरण हैं, जैसे कि बर्तन। यहां शस्त्रागार और हथियारों की एक विशाल प्रदर्शनी भी लगाई गई है। दीर्घाओं को कई श्रेणियों में विभाजित किया गया है: एपिग्राफी, पुरातत्व, न्यूमिज़माटिक्स, मूर्तियां, हथियार, लोक कला, घरेलू वस्तुएं, संगीत वाद्ययंत्र, समकालीन कला और कृषि वस्तुएं। परिसर में स्थित पुस्तकालय नई दिल्ली के संसद भवन की शिल्प विधा शैली से मिलता-जुलता है।

अन्य आकर्षण