रामपुर पुराने हिंदुस्तान-तिब्बत रोड पर सतलुज नदी के शांत तट पर स्थित काफी व्यस्त शहर है। यह अपने सुंदर मंदिरों के लिए जाना जाता है। यहां कुछ मंदिर ऐसे हैं जिन्हें पर्यटकों को अवश्य देखना चाहिए है। इनमें डुमगीर बौद्ध मंदिर, रघुनाथ मंदिर, अयोध्या मंदिर और नरसिंह मंदिर आदि शामिल हैं। यहां का मुख्य आकर्षण शाही पदम पैलेस है, जो वास्तुकला की औपनिवेशिक और पारंपरिक शैलियों का अद्भुत संगम है। इसकी विशेषता यह है कि इसे लकड़ी और पत्थर से तराशा गया है। हरे भरे लॉन से घिरा, यह महल रामपुर के शासकों के समृद्ध अतीत का स्मरण कराता है। हर साल, नवंबर के महीने में, इस शहर में लवी व्यापार मेले का आयोजन किया जाता है, जो उत्तर भारत के सबसे बड़े मेलों में से एक है। मेले में आप विभिन्न वस्तुओं की खरीदारी कर सकते हैं, जैसे शॉल, हस्तकला की वस्तुएं, कंबल, किन्नौर के ड्राई फ्रूट्स और अन्य पारंपरिक खाद्य पदार्थ। यह शहर रामपुरी चादर के लिए भी प्रसिद्ध है, जो एक प्रकार का हाथ से बना कंबल है। इन कंबलों की कोमलता और टिकाऊपन ही इन्हें पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय बनाती हैं। रामपुर से शिमला की दूरी 135 किमी है।

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