औपनिवेशिक रंग में सराबोर, यह भव्य इमारत, भारत की सबसे प्रभावशाली और सुव्यवस्थित ब्रिटिश युग की इमारतों में से एक है। हरे-भरे वानस्पतिक उद्यान से घिरा, वाईसरीगल लॉज, एक समय भारतीय वायसराय का ग्रीष्मकालीन आवास हुआ करता था। ग्रीष्मकाल के दौरान प्रशासनिक केंद्र दिल्ली से शिमला में स्थानांतरित कर दिया जाता था। आजादी के बाद इस लॉज को राष्ट्रपति निलयम या राष्ट्रपति आवास के नाम से भी जाना जाने लगा। ऑब्जर्वेटरी हिल पर स्थित वाईसरीगल लॉज पूरे क्षेत्र का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। इस इमारत को ब्रिटिश वास्तुकार हेनरी इरविन ने तत्कालीन भारत के वायसराय लॉर्ड डफरिन के कार्यकाल में डिजाइन किया था। जैकबीथन शैली में निर्मित, यह इमारत अंग्रेजी पुनर्जागरण से प्रभावित है, जो कि इनमें इस्तेमाल किए गए ग्रे पत्थरों में साफ-साफ दिखाई देता है। इस इमारत के अंदरूनी हिस्से में बर्मा टीक और लकड़ी का काम किया गया है। इस इमारत को अब 'भारतीय उन्नत अध्ययन संस्थान' में बदल दिया गया है, जिस कारण पर्यटक इमारत के केवल कुछ कमरों को देख सकते हैं और बाकी कमरों को देखने के लिए शुल्क देना पड़ता है। पर्यटन के दौरान पर्यटकों को इस स्थान के इतिहास के बारे में बताया जाता है और कुछ दुर्लभ तस्वीरें भी दिखाई जाती हैं।

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