अग्नितीर्थम, दो शब्दों अग्नि और तीर्थम को मिलाकर बना है, जिसमें अग्नि का अर्थ आग है और तीर्थम का अर्थ पवित्र जल है। पौराणिक ग्रंथों और पुस्तकों में इस स्थल का उल्लेख एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल के रूप में मिलता है। यह रामेश्वरम स्थित सभी 64 पवित्र कुंडों में से एक है और हिन्दुओं के लिए एक बेहद पवित्र धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है। रामेश्वरम आने वाले सभी तीर्थगण इस कुंड के पवित्र जल में डुबकी अवश्य लगाते हैं। उनका विश्वास है कि ऐसा करने से उनके सभी दोष और कष्टों का निवारण हो जाता है। यह तीर्थ मंदिर परिसर के बाहर पूर्वी तट पर स्थित है। वैसे तो यहां रोजाना ही स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है, लेकिन अमावस्या और पूर्णिमा के दिनों में यहां स्नान करने का विशेष महत्व है। 

एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार जब श्रीराम ने दुष्ट रावण का वध कर दिया था, तब उन्होंने अपने ईष्ट देव भगवान शंकर की आराधना की थी, ताकि वह ब्राह्मण हत्या के पाप से मुक्ति पा सकें। इसके पश्चात उन्होंने अग्नितीर्थम के पवित्र जल मे स्नान किया था। इसीलिए भक्तों का ऐसा विश्वास है कि श्रीराम की तरह, अगर वे भी इस कुंड में डुबकी लगाएंगे तो उनके भी कष्टों और पापों का नाश हो जाएगा। 

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