आस्था की स्थली सेथुकरई को सेथुकोस्ट के नाम से भी जाना है। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि यह वही स्थान है, जहां श्रीराम ने रावण की कैद से देवी सीता को छुड़ाने के लिए सेतु का निर्माण किया था। उस काल में उनके द्वारा बनाए गये सेतु के अवशेष आज भी यहां देखे जा सकते हैं। यहां आने वाले पर्यटक आदि सेतु के पवित्र जल में स्नान अवश्य करते हैं। क्योंकि प्राचीन मान्यताओं के अनुसार यह वही स्थान है, जहां श्रीराम ने लंका की ओर प्रस्थान करने से पहले स्नान किया था। यहां समुद्र के किनारे हनुमान जी का एक छोटा मंदिर, भारी संख्या में भक्तों को अपनी ओर हर दिन आकर्षित करता है। इस मंदिर को सेतु बंधन अंजनी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। रामेश्वरम से सेथुकरई करीब 70 किमी दूर है, जहां रामेश्वरम आने वाले यात्रियों को जरूर जाना चाहिये। 

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