रामेश्वरम स्थित श्री रामनाथस्वामी मंदिर दुनियाभर से आने वाले भक्तों के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थल और आकर्षण का मुख्य केन्द्र है। भगवान शिव के प्रसिद्ध बारह ज्योर्तिलिंगों में से एक यहां स्थापित है। रामनाथस्वामी का शाब्दिक अर्थ है- श्रीराम के स्वामी, जो कि भगवान शिव हैं। दरअसल, देवी सीता को दुष्ट रावण के चंगुल से छुड़ाने के लिए जब श्रीराम ने यात्रा प्रारंभ की थी तो सबसे पहले उन्होंने अपने आराध्य देव भगवान शिव की पूजा की थी। 

इस मंदिर की शिल्पकला अपने आप में देखते ही बनती है। मंदिर की दीवारों, खंबो और छतों पर बेहद बारीकी से उकेरी गयी कलाकृतियां किसी को भी अपने पाश में ले सकती हैं। मंदिर का गलियारा अपनी खूबसूरती के लिए दुनियाभर में जाना जाता है और मंदिर की भव्य चोटियां श्रीराम की गौरवगाथा अनादि काल से बयां करती प्रतीत होती हैं। मंदिर के पूरे प्रांगण में कुल 1212 खंबे हैं और प्रत्येक खंबे पर इतनी खूबसूरत नक्काशी की गयी है कि नजर हटाएं  नहीं हटती। इसी प्रांगण में कुल 22 तीर्थ कुंड हैं, जहां के पवित्र जल में डुबकी लगाकर श्रद्धालु पुण्य कमाते हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां के पवित्र जल में स्नान करने से आपके सभी पाप धुल जाते हैं और आप दोषमुक्त हो जाते हैं। यह मंदिर सप्ताह के सभी दिनों में सुबह 5 बजे से दोपहर 1 बजे तक और फिर दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे तक भक्तों के लिए खुला रहता है।  

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