अनेकों प्राचीन मंदिरों का गढ़ और रामलिंगविलासम महल के लिए प्रसिद्ध रामनाथपुरम अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। यहां स्थित मंगलांथास्वामी मंदिर दुनियाभर में बहुत प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि यह मंदिर 3000 वर्षों से भी अधिक प्राचीन है। खास दक्षिण भारतीय शैली में बना यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और पांड्या राजवंश के शासकों द्वारा बनवाया गया था। मंदिर में पन्ने से बनी नटराज की छह फुट ऊंची प्रतिमा भक्तों को विशेष रूप से आकर्षित करती है। मंदिर में दर्शन करने के बाद पर्यटक सीधे भव्य रामलिंगाविलासम पैलेस की रुख कर सकते हैं। सन 1671-1710 ईस्वी में मारवा राजवंश के शासक किज्ह्वान सेथुपति द्वारा निर्मित यह महल उस समय के राजाओं की भव्य जीवनशैली और मराठाओं के साथ हुए उनके युद्धों का चित्रण प्रस्तुत करता है। रामानाथपुरम जाने-माने दार्शनिक और संत थयुम्ना स्वामीगल की समाधि के लिए भी प्रसिद्ध है। 

अन्य आकर्षण