जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय पार्क करीब 520 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है जिसमें बड़ी-बड़ी झीलें, घास के मैदान, दलदल, नदियां, पहाड़ आदि हैं। भारतीय रॉयल बंगाल टाईगर के आश्रय स्थल के तौर पर जाना जाने वाला जिम कॉर्बेट पार्क 650 किस्म के देसी-विदेशी पक्षियों, 50 से ज्यादा तरह के शिकारी पक्षियों, 33 किस्म के रेंगने वाले जीवों, सात तरह के जल-थल में रहने वाले प्राणियों और 36 प्रकार की ड्रैगनफ्लाइस का भी घर है। खुली जीप या फिर हाथी की पीठ पर बैठ कर की जाने वाली सफारी यहां की सैर को और यादगार बनाती है। जिम कॉर्बेट देश के उन चुनिंदा राष्ट्रीय पार्कां में से एक है जहां पर्यटक रात में भी रुक सकते हैं। मछलियों को खाने वाले मगरमच्छ और ऊदबिलाव जैसे दुर्लभ किस्म के जीव भी यहां देखे जा सकते हैं।

यह पार्क कॉर्बेट बाघ अभ्यारण्य का एक हिस्सा है जिसकी स्थापना 1936 में हैली राष्ट्रीय पार्क के तौर पर हुई थी। इस पार्क को 1973 में प्रोजेक्ट टाईगर की शुरूआत करने का गौरव भी प्राप्त है। पूरा पार्क पांच जोन में बंटा हुआ है। ये हैं-बिरजनी जो कि अपने खुले घास के मैदानों के लिए जाना जाता है, झिरना जो पूरे साल खुला रहता है, ढेला जो एक नया ईको-पर्यटन जोन है, ढिकाला जो कॉर्बेट का सबसे बड़ा जोन है और दुर्गा देवी जो पंछियों को देखने के लिए उत्तम जगह है। इसके अलावा सीताबनी का क्षेत्र भी है जो कॉर्बेट अभ्यारण्य में नहीं आता है। यह पार्क देहरादून से 163 किलोमीटर की दूरी पर है।

अन्य आकर्षण