सुंदर पर्वतों से घिरा और लुभावनी यमुना नदी के करीब लाखा मंडल मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर का मुख्य आकर्षण ग्रेफाइट से बना शिवलिंग है जिस पर पानी डालने से यह चमकने लगता है। मंदिर के द्वारा पर छह फुट ऊंचे द्वारपालकों की मूर्तियां हैं और अंदर भगवान शिव, देवी पार्वती, कार्तिकेय, गणेश, विष्णु, बजरंग बली आदि की प्रतिमाएं हैं। कुछ लोगों का मानना है कि द्वारपालकों की ये प्रतिमाएं असल में पांडव-बंधु भीम और अर्जुन हैं। मंदिर में पत्थर की करीब डेढ़ सौ नक्काशीदार प्रतिमाएं हैं जिनमें से कुछ तो चौथी और पांचवीं सदी की भी हैं। इस मंदिर का अलंकृत स्थापत्य समृद्ध भारतीय धरोहर का परिचायक है और इसीलिए इसे राष्ट्रीय महत्व का स्मारक भी घोषित किया गया है। भगवान शिव और देवी पार्वती के एक साथ पूजे जाने के कारण यह मंदिर शक्ति की पूजा करने वालों के बीच बेहद लोकप्रिय है।

अन्य आकर्षण