शिवालिक की आलीशान और बर्फ से ढकी पहाड़ियों की तलहटी में मौजूद, हरे-भरे और घने साल वृक्षों से घिरा,उत्तराखंड का विलक्षण हिल-स्टेशन देहरादून गढ़वाल क्षेत्र का दिल है। दो बारहमासी नदियों से घिरा देहरादून निर्मल प्राकृतिक आश्रय की तलाश में रहने वाले सैलानियों के बीच खासा लोकप्रिय है जो उन्हें बहुत सारे स्थानों की ट्रेकिंग के अलावा पर्वतारोहण, पैराग्लाइडिंग, स्कीईंग, रिवर-राफ्टिंग, मछली पकड़ने, साइक्लिंग जैसे कई सारे रोमांचक अवसर प्रदान करता है।

खूबसूरत दून घाटी में स्थितदेहरादून, गढ़वाल क्षेत्र के मसूरी जैसे अन्य स्थलों की यात्रा शुरू करने के लिए भी एक उत्तम स्थान है।देहरादून को अपना नाम बोलचाल की भाषा के दो शब्दों, ‘डेरा’ यानी शिविर और ‘दून’ यानी नदी घाटी से मिला है।

पर्वतों की शानदार पृष्ठभूमि में स्थिल ढेरों आध्यात्मिक स्थलों की भूमि कहा जाने वाला देहरादून, देश के प्राचीनतम शहरों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि भगवान राम ने रावण को मारने के लिए यहां पर अपने भाई लक्ष्मण के साथ तप किया था।

सन् 1815 में अंग्रेजों ने देहरादून पर अधिकार कर लिया था जिसका इस शहर पर गहरा असर पड़ा और जो आज भी यहां स्थित बहुत सारी औपनिवेशिक दौर की इमारतों के रूप में देखा जा सकता है।