लेपाक्षी विजयनगर काल में बने पुरातात्विक और सांस्कृतिक महत्व के आकर्षक मंदिरों का गढ़ है। यह एक छोटा सा गांव है, जो बेंगलुरु से 120 किमी की दूरी पर है। यह भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान वीरभद्र के मंदिरों और तीर्थस्थलों के लिए प्रसिद्ध है। ये तीर्थस्थल वर्ष 1336 और वर्ष 1646 के बीच निर्मित किए गए थे। इनमें से सबसे आकर्षक वीरभद्र मंदिर है, जिसे दो भाइयों विरन्ना और विरुपन्ना ने बनवाया था। विजयनगर वास्तुकला की शैली में निर्मित इन मंदिरों में कई मूर्तियां और भित्ति चित्र हैं। इन मूर्तियों में नागालिंगा के सांप की आकर्षक प्रतिकृति भी शामिल है। लेपाक्षी उन पर्यटकों के लिए ठहरने की बेहतरीन जगह है जो दक्षिण भारत के ऐतिहासिक अतीत को जानने के इच्छुक हैं। आंध्र प्रदेश के लेपाक्षी में बेंगलुरु से आसानी से पहुंचा जा सकता है। लेपाक्षी को कला के मोहक रूपों और पारंपरिक शिल्प के लिए भी जाना जाता है। आंध्र प्रदेश समृद्ध वनों से संपन्न राज्य है इसलिए लकड़ी की नक्काशी लेपाक्षी सहित पूरे राज्य की एक लोकप्रिय कला है। लेपाक्षी के कुशल कारीगर पौराणिक पात्रों की आकर्षक मूर्तियां और उपयोगी वस्तुओं का निर्माण करते हैं। लेपाक्षी में प्रचलित विभिन्न कला रूपों में देवी-देवताओं का सूक्ष्म चित्रण है। जीवंत मूर्तियों से लेकर सुंदर और सस्ते आभूषणों तक, लेपाक्षी आंध्र प्रदेश के प्रतिभाशाली शिल्पकारों के शानदार कला का परिचय देता है। पर्यटक लेपाक्षी के कारीगरों द्वारा बनाई गई कलाकृतियों और अन्य लेखों की एक विस्तृत श्रृंखला को यहां देख सकते हैं। शहर में यदि आप हों तो संगीत वाद्य यंत्र, पेंटिंग, आभूषण आइटम, साड़ी, गुणवत्तापूर्ण हथकरघा उत्पाद, बैग, कलमकारी पेंटिंग, चंदन उत्पाद और कोंडापल्ली खिलौनों को जरूर देखें।

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