मॉलिननॉन्ग

भारत के सबसे स्वच्छ गाँवों में से एक मॉलिननॉन्ग, शिलॉन्‍ग से लगभग 92 किमी दूर स्थित है। 2003 में, इसे एशिया के सबसे स्वच्छ गांव और 2005 में भारत में सबसे साफ सुथरा होने के लिए प्रशंसा मिली। इस गांव को स्थानीय रूप से 'गॉड्स ओन गार्डन' कहा जाता है और समुदाय आधारित इको टूरिज्म पहल के लिए इसकी सराहना की जाती है। इसके तहत, गांव को साफ रखने की जिम्‍मेदारी प्रत्येक निवासी पर है और स्वच्छता को बढ़ावा देने लिहाज़ से, मॉलिननॉन्ग की गलियों, नुक्‍कड़ों और कोनों पर बांस से बने कचरे के डिब्बे रखे रहते हैं। डिब्बों में एकत्र कचरे को एक गड्ढे में भेजा जाता है और उसकी खाद बनायी जाती है। यहां धूम्रपान और प्‍लास्टिक पर प्रतिबंध है। वर्षा जल संग्रहण बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और लगभग सभी निवासियों द्वारा इसे व्‍यवहार में लाया जाता है। इसके अलावा, गांव में 100 प्रतिशत साक्षरता दर है और अधिकांश निवासी अंग्रेज़ी में धाराप्रवाह हैं। भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित होने के चलते बांग्लादेश के विहंगम दृश्य का आनंद लिया जा सकता है। अपने यात्रा कार्यक्रम में इस जगह को शामिल करने का एक और कारण यहां दिखने वाली प्राकृतिक रॉक बैलेंसिंग परिघटना है-एक बोल्डर का दूसरे बोल्‍डर पर टिक कर संतुलित रहने का अनोखा और रोचक दृश्‍य। पर्यटक यहां सिंगल-डेकर लिविंग रूट ब्रिज पर ट्रेकिंग का भी आनंद ले सकते हैं।

मॉलिननॉन्ग

वानखर कीटविज्ञान संग्रहालय

बटरफ्लाई संग्रहालय के नाम से भी जाना जाने वाला, वानखर एंटोमोलॉजिकल संग्रहालय निजी स्वामित्व में है और पुलिस बाज़ार से लगभग 2 किमी की दूरी पर है। पतंगों और तितलियों को समर्पित यह भारत का एकमात्र ज्ञात संग्रहालय है। बंगाली एंटोमोलॉजिस्ट डॉ. एस सरकार की बेटी श्रीमती वानखर, यह संग्रहालय चलाती हैं। वह विभिन्न देशों से नमूने एकत्र करती रहती हैं।संग्रहालय वर्ष 1930 के दशक में स्थापित किया गया था और यह तितलियों व पतंगों की 1600 प्रजातियों के साथ राइनोसॅरस बीटल (एक तरह का गुबरैला) का एक विशाल संग्रह समेटे हुए है। विभिन्न रंगों और पैटर्न के अन्य कठ-कीट भी यहां मिलते हैं। अपने प्रजनन कार्यक्रम की शुरुआत में यह संग्रहालय कभी दुर्लभ तितली और कीट प्रजातियों के संरक्षण में प्रमुख भूमिका निभाया करता था। इसके परिसर में कीड़ों के आवास और जीवनकाल की झलकियां व दृष्टि मिलती है।

वानखर कीटविज्ञान संग्रहालय

शिलॉन्‍ग गोल्फ मैदान

शिलॉन्‍ग के गोल्‍फ कोर्स दुनिया के सबसे पुराने और सबसे अच्छे कुदरती गोल्फ मैदानों में से एक हैं। इसे संयुक्त राज्य अमेरिका गोल्फ एसोसिएशन और संग्रहालय द्वारा 'पूर्व का ग्लेनईगल' माना जाता है। एक सर्पिल घाटी में लगभग 5,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित, यह चीड़ और रोडोडेंड्रॉन के पेड़ों के घने झुरमुटों से ढंका हुआ है, और इसमें नौ गोल्‍फ पोल हैं। गोल्ड कोर्स वर्ष 1898 में बनाया गया था और वर्ष 1924 में 18-पोल के मैदान में बदल दिया गया था।

गोल्फ को वर्ष 1898 में ब्रिटिश सिविल सेवा अधिकारियों के एक समूह द्वारा शिलॉन्‍ग शहर में प्रस्‍तुत किया गया था। इस गोल्फ कोर्स की सुंदरता ऐसी है कि यह गैर गोल्फ खिलाड़ियों को भी पसंद आता है। यह मैदान कमोबेश हमेशा गीला रहता है और इस जगह की खूबसूरती को बढ़ाता है।

शिलॉन्‍ग गोल्फ मैदान