ऋषिकेश से लगभग 20 किलोमीटर दूर, हिमालय की तराई में शिवालिक की पहाड़ियों व उसकी तराई में राजाजी राष्ट्रीय उद्यान स्थित है। यह 820 किलोमीटर के क्षेत्र में व्याप्त है जिसमें तीन अभयारण्य चिल्ला, मोतीचूर एवं राजाजी हैं। पक्षियों में रुचि रखने वालों के बीच यह उद्यान बहुत लोकप्रिय है तथा यहां 400 प्रजाति के पक्षी देखने को मिलेंगे। यहां पर गूलर, नीलसर बत्तख, चैती चिड़िया, तोते, कठफोड़वा, रमाचिरैया एवं बत्तखें जैसे कुछ प्रसिद्ध पक्षी भी देखे जा सकते हैं। ग्रेट इंडियन हॉर्नबिल भी यहां पर पाया जाता है। यहां पर अनेक वन्यजीवों के बीच हाथी, तेंदुए, हिरण, बाघ एवं घोरल भी देखने को मिलते हैं। राजाजी राष्ट्रीय उद्यान की अन्य विशेषता यह है कि उत्तरी पश्चिमी सीमा में एशियाई हाथी पाए जाते हैं तथा उत्तराखंड में हाथियों की सबसे अधिक संख्या यहीं पर है। यहां पर अनेक अंचल तथा वनों के विभिन्न प्रकार जैसे नदी के किनारे स्थित वन, साल के वृक्षों का वन, चौड़े पत्तों के पेड़ों के मिश्रित वन पाए जाते हैं, जो वन्यजीवों को फलने-फूलने का उचित अवसर प्रदान करते हैं। इस उद्यान की स्थापना 1983 में की गई थी तथा इसका नाम प्रसिद्ध स्वतंत्रता सैनानी श्री सी राजगोपालचारी के नाम पर रखा गया, जो राजाजी कहलाते थे। 

अन्य आकर्षण