कोट्टायम से करीब 60 किलोमीटर दूर स्थित ईलावीझा पूनचिराए मनकुन्नूए कुडायाथुरमालाए थोनिप्परा नाम की तीन पहाड़ियों से घिरा एक बेहद खूबसूरत हिल.स्टेशन है। पूनचिरा की सुंदर घाटी हजारों एकड़ धरती में फैली हुई है जो ऐसे हरे.भरे विशाल पर्वतों से घिरी है जो कहीं.कहीं 3200 फुट तक ऊंचे हैं। इस घाटी के नाम ष्ईलावीझा पूनचिराष् का अर्थ है ऐसी घाटी जहां एक भी पत्ता नहीं गिरता। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां पर एक भी पेड़ नहीं है।

यहां से सूर्योदय और सूर्यास्त को देखने का नजारा तो अद्भुत ही होता है। मानसून के दिनों में यहां आने का मजा ही अलग होता है क्योंकि तब यह जगह बारिश की बूंदों से नहा कर बेहद सुंदर लगती है। यह जगह ट्रैकर्स को भी अपनी ओर काफी आकर्षित करती है क्योंकि यहां की पहाड़ियों में कई अच्छे चुनौतीपूर्ण ट्रैक्स हैं। यहां के बारे में माना जाता है कि महाभारत काल में यहां एक तालाब हुआ करता था जिसमें पांडवों की पत्नी द्रोपदी स्नान किया करती थीं।

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