पुराणों में वर्णित युद्ध कथाओं की प्रस्तर प्रतिमाओं और चित्रों वाली चकित कर देने वाली स्थापत्य कला से युक्त मीनाछिल तालुका में स्थित पुंजर महल इस क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण विरासत स्थल है। इस के अंदर पालकियोंए द्रोणी ;एक प्रकार की मेज जो एक की लकड़ी के लठ्ठे को काट कर बनाई जाती है और आयुर्वेदिक मालिश के लिए प्रयोग की जाती हैद्धए विशाल झाड़फानूसए ताड़ के पत्तों पर नक्काशीए गहने रखने के डिब्बेए कई तरह के दीपकए नटराज की मूर्तिए प्रतिमाएंए अस्त्र.शस्त्र जैसी कई अद्भुत प्राचीन वस्तुओं और फर्नीचर का अनोख संग्रह देखने को मिलता है।  इस महल में एक अनोखी और खूब संभाल कर रखी गई सेज भी है जिसे साल में आने वाले महत्वपूर्ण उत्सवों आदि पर बाहर भी निकाला जाता है। इस महल का एक और प्रमुख आकर्षण चुट्टुविलाक्कु हैं। ये पत्थरों को काट कर बनाए गए दीपकों की पंक्ति है जो करीब ही स्थित सास्था मंदिर की दीवारों पर देखने को मिलती है। इस तरह के पत्थरों से काट कर बनाए गए दीपक भारत में शायद ही कहीं और देखने को मिलें।

अन्य आकर्षण