जोधपुर से लगभग 140 किमी दूर स्थित नागौर का इतिहास बहुत समृद्ध है। पर्यटक विभिन्न किलोंए मंदिरों और स्मारकों पर जा सकते हैं जो इतिहास प्रेमियों के लिए आनंद की बात है। मुख्य आकर्षण नागौर किला हैए जो अपने विशाल परिसरए महलों और मंदिरों के लिए जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इसे नाग वंश के शासकों द्वारा दूसरी शताब्दी में बनाया गया थाए लेकिन 12 वीं शताब्दी में इसका पुनर्निर्माण किया गया था।   राजपूत और मुगल स्थापत्य शैली के संगम का एक शानदार उदाहरणए यह किला सदियों की कई लड़ाइयों का गवाह है। अबए यह नाचते हुए फव्वारों और हरे.भरे बगीचों से भरा हुआ हैए इसलिए आप किले की भव्यता को निहारते हुए इत्मीनान से टहल सकते हैं। नागौर का किला लोकप्रिय सूफी संगीत समारोह की भी मेजबानी करता है।
पर्यटक पास के खिंवसर किलेए कुचामन किलाए मकरानाए मीरा बाई मंदिरए भानवाल माता मंदिर आदि भी देख सकते हैं। अन्य महत्वपूर्ण पड़ावों में कांच का बना हुआ जैन मंदिरए तर्केन दरगाहखंड सजी का टंकाए अमर सिंह राठौर का स्मारकए बंसीवाला मंदिरए नाथ जी की छत्रीए और बारली शामिल हैं। भारत की सबसे बड़ी नमक झीलों में से एकए सांभर झीलए जिले के दक्षिण.पश्चिमी कोने पर स्थित हैए और देखने लायक भी है।
राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र के उत्तर.पश्चिम में स्थितए नागौर के ऐतिहासिक शहर में सदियों से यहां राज करने वाले विभिन्न राजवंशों की नामोशियां हैं। इस पर राजपूतों और चौहानों का शासन था। मुगल युग के आगमन के साथए राजपूत और चौहान कभी भी इसे जीत नहीं पाए थे। इस शहर का उल्लेख महाभारत में भी मिलता है। 

अन्य आकर्षण