महानदी नदी के तट पर भुवनेश्वर से लगभग 100 किलोमीटर दूर एक कस्बा कांतिलो स्थित है। यह स्थान भगवान नीलमाधब को समर्पित एक मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। सूर्यास्त का सुंदर दृश्य प्रस्तुत करने के लिए प्रसिद्ध ब्रह्माद्रि तथा नीलाद्रि पहाड़ों के ऊपर स्थित यह मंदिर जंगलों से घिरा हुआ है। यह उन लोगों द्वारा पूजनीय है जो भगवान जगन्नाथ की पूजा करते हैं और मंदिर के पीठासीन देवता को पुरी के भगवान जगन्नाथ का एक पुराना रूप मानते हैं। भगवान जगन्नाथ के पंथ में भगवान नीलमाधब को विशेष श्रद्धा की दृष्टि से देखा जाता है। जगन्नाथ पुरी मंदिर में भी लक्ष्मी मंदिर के दाईं ओर भगवान नीलमाधब मंदिर मौजूद है। चूंकि यह पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर का लघु संस्करण है, इसलिए यह उसी संस्कार और अनुष्ठान का पालन करता है। यह माना जाता है कि पवित्र जल की एक सतत धारा का प्रवाह भगवान नीलमाधब के चरणों से निसृत होता है। माघ के महीने में मनाए जाने वाले माघसप्तमी के भव्य उत्सव के दौरान यह मंदिर और भी अधिक भव्य दिखाई देता है।

इसके अलावा, कांतिलो एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल भी है जो बर्तनों व घंटियों सहित पीतल के धातु शिल्प के लिए प्रसिद्ध है। घर वापस लाने के लिए यह बेहतरीन स्मृति चिन्ह हैं।

अन्य आकर्षण