पहाला रसगुल्ला

पहाला रसगुल्ला प्रसिद्ध रसगुल्ला का ओडिया संस्करण है जिसे पनीर के टुकड़ों को तल कर और फिर चीनी की चाशनी में भिगोकर बनाया जाता है। मुँह में डालते ही पिघल जाने वाली यह स्पंजनुमा मिठाई ज्यादातर उत्सव के अवसरों पर परोसी जाती है।

पहाला रसगुल्ला

मालपुआ

एक मीठा पुआ जिसे गेहूं के आटे के घोल को तला जाता है, और फिर चीनी की चाशनी में भिगोया जाता है। इसे बादाम और पिस्ते के टुकड़ों से सुसज्जित किया जाता है।

मालपुआ

कोरा-खई

कोरा-खई को भुवनेश्वर के मंदिरों में प्रसाद के रूप में परोसा जाता है, और इसे खई या तले हुए धान, गुड़ या चीनी, नारियल और इलायची को मिला बनाया जाता है। यह एक कुरकुरा और मीठा व्यंजन है।

कोरा-खई

घण्टा तरकारी

घण्टा तरकारी एक लोकप्रिय मौसमी सब्जी है, जिसे हल्के मसालों का उपयोग करके बनाया जाता है। इसे चावल के साथ परोसा जाता है।

घण्टा तरकारी

रसमलाई

सादे या केसर और इलायची के साथ सुगंधित पनीर के टुकड़ों को मीठे व गाढ़े किए गए दूध में भिगोया जाता है और फिर पिस्ता, अखरोट व बादाम के टुकड़ों से सजाया जाता है।

रसमलाई

छेना जलेबी

इस मिष्ठान्न सामग्री को पनीर के साथ बनाया जाता है। इसे पहले प्रेट्ज़ेल जैसी आकृतियों में ढाला जाता है, फिर तला जाता है, और अंत में परोसे जाने से पहले चीनी की चाशनी में भिगोया जाता है।

छेना जलेबी

माछ घंटा

माछ घंटा एक ओडिया डिश है जिसे आमतौर पर शुभ अवसरों पर तैयार किया जाता है। इसे बनाने के लिए मछली और बंगाली चने को एक साथ पकाया जाता है और फिर प्याज, बैंगन और आलू से समृद्ध किया जाता है। इसे बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मसालों में इलायची, दालचीनी, तेज पत्ता और गरम मसाला शामिल हैं।

माछ घंटा

चूड़ा

चूड़ा जोकि फूला हुआ या चपटा चावल होता है, इस क्षेत्र में लोकप्रिय नाश्ते की वस्तु है। इसे या तो मसाले के साथ पकाया जाता है, दूध में भिगोया जाता है या दही के साथ खाया जाता है।

चूड़ा

भेंडी भाजा

भेंडी भाजा को बनाने के लिए भिंडी के टुकड़ों को काट कर उन में अदरक, लहसुन और मसालों को भरा जाता है। इसके इसे तल कर पकाया जाता है, और इसका आनंद चावल के साथ लिया जाता है।

भेंडी भाजा

दालमा

दालमा बैंगन, कच्चे पपीते, घुइयाँ के तने, सहजन, बीन्स, कच्चे केले, कटे हुए नारियल और हल्के मसालों को मिला कर बनाई गई एक ओडिया शैली की दाल है । इसे चावल के साथ परोसा जाता है।

दालमा

दही पखाल

बचे हुए चावल को संरक्षित करने के लिए इस पर चूने के रस को छिड़का जाता है और पानी में संग्रहीत किया जाता है। कुछ समय बाद यह किण्वित हो जाता है। बाद में ग्रीष्मकाल के दौरान इसे दही के साथ परोसा जाता है। 

दही पखाल

दही बिंगना

दही बिंगना तैयार करने के लिए पहले बैंगन के टुकड़े को भूना जाता है और फिर दही और पानी के मसालेदार मिश्रण के साथ पकाया जाता है।

दही बिंगना

केकड़ा कालिया

भुवनेश्वर में केकड़ा व्यापक रूप से खाया जाता है, और केकड़ा कालिया नामक व्यंजन आलू, प्याज, अदरक और विभिन्न मसालों के साथ बनाई गई केकड़े की सब्ज़ी है।

केकड़ा कालिया

चिंगुड़ी कोसा

चिंगुड़ी कोसा को कुरकुरे झींगे, प्याज, हरी मिर्च और हल्के मसालों को मिलकर बनाया जाता है।

चिंगुड़ी कोसा

छेना पोड़ा

छेना पोड़ा इस क्षेत्र की एक प्रसिद्ध मिठाई है, जिसे मूल रूप से ताजा पनीर या छेने को चीनी और किशमिश के साथ मिला कर बनाया जाता है, और केक जैसे टुकड़ों में परोसा जाता है।

छेना पोड़ा