ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर, भारत के सबसे प्राचीन शहरों में से एक है। कई अन्य लोकप्रिय मंदिरों से आच्छादित होने के साथ ही भुवनेश्वर को प्रधानतः भगवान लिंगराज या त्रिभुवनेश्वर, जिन्हें भगवान शिव अवतार माना जाता है, का प्रमुख तीर्थस्थल है।

1956 में ओडिशा की राजधानी को कटक से भुवनेश्वर स्थानांतरित कर दिया गया था। इसका मूल नाम एकाम्र माना जाता है। कई पौराणिक संदर्भों और स्रोतों द्वारा इस क्षेत्र को एकमक्षेत्र और शैव पीठ के रूप में वर्णित किया गया है। इसका प्रमाण इसके ओल्ड टाउन क्षेत्र में और उसके आसपास स्थित कई मंदिरों में मिलता है, कहा जाता है कि कभी वहाँ लगभग 2,000 मंदिर स्थित थे। कलिंगशैली की वास्तुकला के साथ-साथ बौद्ध और जैन संरचनाएं यहां परस्पर घुली-मिली हैं, जो इसकी विविध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की गवाही देती हैं। पुरी और कोणार्क के साथ मिल कर भुवनेश्वर भारत के पूर्वी भाग में एक महत्वपूर्ण पर्यटन त्रिकोण का निर्माण करता है।

इसके अलावा, भुवनेश्वर को इसके जल निकायों तथा हरे-भरे पार्कों और उद्यानों के लिए जाना जाता है जो हलचल भरे शहर के बीच में शांति के क्षण उपलब्ध करवाते हैं। यह चांदी के बुरादे की कलाकारी, पट्टचित्र चित्रकारी, तालियों के काम और धातु कला जैसे महत्वपूर्ण स्वदेशी शिल्पों के लिए प्रसिद्ध है। शहर के प्रख्यात व्यंजनों में समुद्री भोजन से लेकर स्वादिष्ट शाकाहारी भोजन तक शामिल है। खरीदारी के लिया यहाँ असंख्य बाज़ार और मॉल हैं जो शहर भर में छाए हुए हैं।

इस शहर में वर्ष भर कई मेलों या उत्सवों का आयोजन किया जाता है। वे सभी इस क्षेत्र के स्थानीय लोकरंग को महसूस करने के बेहतरीन तरीके हैं। महानदी डेल्टा पर स्थित होने के कारण यह क्षेत्र नदी के घाटों, जंगलों और आर्द्रभूमि से युक्त एक विविध भूभाग से घिरा हुआ है जिससे पर्यटकों को इस क्षेत्र में व्याप्त विभिन्न वनस्पतियों और जीवों से रूबरू होने के बहुत सारे अवसर मिलते हैं।

आज भुवनेश्वर एक आधुनिक और औद्योगिक शहर है। यह पुराने और नए परिवेश को मजबूती से जोड़ता है, और आगंतुकों को दोनों पक्षों का सर्वश्रेष्ठ आनंद लेने का अवसर देता है। कई बड़ी कंपनियों ने अपने कार्यालय यहां स्थापित किए हैं। शहर भर में फैले हुए कई महँगे और सस्ते होटल, गेस्टहाउस और लॉज आवास की सुविधा प्रदान करते हैं, जो इसे वास्तव में पूर्वी भारत में स्थित एक पर्यटक-अनुकूल गंतव्य बनाते हैं।

यहाँ कैसे पहुँचें