14 वीं शताब्दी के एक जर्जर किले को अब एक हेरिटेज होटल में बदल दिया गया है। यह किला एक बड़ी चट्टान पर स्थित है और एक शानदार नज़ारे का प्रदर्शन करता है। मजबूत दीवारों से घिरा हुआ यह किला ज्यादातर ग्रेनाइट से बना है और कई दमदार खम्भों पर टिका हुआ है। इस भवन में सब कुछ भव्य और विशाल है - हॉल, खिड़कियां, छत और बरामदे। इसमें 100 से अधिक लोग रह सकते हैं और यहाँ से शहर का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है। इसके ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए, इस किले को भारत सरकार द्वारा विरासत स्थल घोषित किया गया है।

इस भव्य होटल में आगंतुक प्रकृति की निकटता प्राप्त करने के लिए आ सकते हैं और यह नज़दीक से महसूस कर सकते हैं कि अतीत के राजघराने कैसे रहते थे। पास में स्थित सरिस्का वन्यजीव अभयारण्य घूमने के लिए एक सुन्दर जगह है।

यह माना जाता है कि किले का निर्माण यदुवंशियों (भगवान कृष्ण के वंशजों) ने करवाया था। 1775 में राजपूतों के हाथों में आने से पूर्व यह किला पहले मुगलों तथा उनके बाद जाटों के कब्ज़े में था। राणावत ठाकुर भवानी सिंह के शासनकाल में इसे प्रमुख महत्व प्राप्त हुआ।

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