दलदल, सूखे सदाबहार जंगल और मैंग्रोव के पेड़ों के कारण, यहां किसी भी मौसम में आया जा सकता है। यह सेंक्च्यूरी पिकनिक और घूमने-फिरने के लिए बेहतरीन जगह है, और समुद्र तट के बेहद नज़दीक है। यह विशेष रूप से प्रवासी जलपक्षी और फ्लैमिंगो के लिए प्रसिद्ध है। सर्दियों में यहां लगभग पांच से दस हजार फ्लैमिंगो बड़ी आसानी से देखे जा सकते हैं। इस सेंक्च्यूरी का लगभग आधा हिस्सा दलदल से घिरा हुआ है, जो इसे प्रवासी और जल पक्षियों के लिए एक आदर्श निवास स्थान बनाता है। बसंत के दौरान, पेड़ और झाड़ियां जंगली जामुन से लद जाती हैं, जिससे हरे कबूतर और गुलाबी मैना जैसे हज़ारों पक्षी यहां आकर्षित होते हैं। इतना ही नहीं, सर्दियों के दौरान कीटभक्षी पक्षियों का झुंड भी यहां इकट्ठा होता है, जो वनस्पति के ढेर के कारण आकर्षित होते हैं। इसमें पैराडाइज फ्लाई कैचर, भारतीय पित्त, श्रीक, स्वालो, ड्रोंगो, मिनिवेट्स, ब्लू जैस और वुड-बक्स आदि शामिल हैं। पक्षियों के अलावा इस सेंक्च्यूरी में ब्लैकबक्स, जंगली सूअर, चीतल, डॉल्फ़िन और कछुए भी हैं। पानी की विशाल विविधता के कारण चैती, गूल, टर्न, प्लोवर, स्टिल्ट्स आदि ने भी इसे अपना घर बना लिया है।

अन्य आकर्षण