बर्फ से ढके ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों से घिरा, शोंगा त्सेर झील एक खूबसूरत, नीरव और शांत झील है, जो तवांग शहर के बाहरी इलाके में पड़ता है। यहां की शांति, इसे ध्यान लगाने के लिए इसे एक आदर्श स्थल बनाती है। पर्यटक, इस झील के आसपास के क्षेत्रों में ट्रैकिंग कर सकते हैं, और साथ ही सदाबहार देवदार के जंगलों और घाटि के सुरम्य दृश्य का आनंद ले सकते हैं। इस झील के चारों ओर, पेड़ों और शिलाखंडों पर बंधे, बौद्ध प्रार्थना के अनेक झंडे हवा में लहराते देखे जा सकते हैं। यह झील पक्षी प्रेमियों को काफी आकर्षित करता है क्यों कि वे यहां, झील के चारों ओर की पगडंडियों पर सैर करते हुए रूडी शेलडक पक्षियों को, जो वायुमंडल में बहुत ऊचाई पर उड़ने वाली पक्षियों की एक प्रजाति है, मुख्यतः सर्दियों में देख सकते हैं। इस पक्षी को आम भाषा में ब्राह्मणी बतख कहा जाता है। इस झील को माधुरी झील के नाम से भी जाना जाता है क्यों कि यहां कोयला नामक हिंदी फिल्म के एक गीत को, अभिनेत्री माधुरी दीक्षित पर फिल्माया गया था। पर्यटक इस क्षेत्र की नैसर्गिक सुंदरता का लुफ्त उठाने के लिए, यहां एक प्रकृति सैर के लिये भी आ सकते हैं।

इस प्राकृतिक झील का निर्माण, कई दशक पहले एक प्राकृतिक दवाब के चलते बना जब इस क्षेत्र में आये एक भूकंप बाद अनेक तेज बाढ़ों का सिलसिला आया। प्राकृतिक दवाब से बने इस बड़े खड्डे में, आस पास की नदियों की धाराओं का पानी भरने लगा और यह झील हिमालय के खनिज समृद्ध पानी की हो गई। भूकंप के दिनों के कुछ सूखे पेड़ के तने, अभी भी इस झील के तल में दबे पड़े हैं, जो इसके परिदृश्य को और अद्भुत बनाते हैं।

अन्य आकर्षण