नाम ऐसा लगता है कि यह राजसी बाघों से भरी गुफा होगीए लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। टाइगर केव्स एक ऐसा नाम हैए जो महावीरपुरम से 5 किमी दूर सालुवंकुप्पम में स्थित चट्टानोंम में बनाये गये मंदिरों में से एक है। यह नाम उन गुफा मंदिरों से लिया गया हैए जिनमें बाघ की तरह दिखने वाले नक्काशीदार सिर का मुकुट है। यह माना जाता है कि पशु वास्तव में पौराणिक याली है और इस स्थान को याली मंडपम भी कहा जाता है। यह एक महान पिकनिक स्थल के हैए जहां बड़ी चट्टानें और रेतीले तट हैं और यह पक्षियों का बसेरा भी है। चूंकि इसकी वास्तुकला एक खुले थिएटर की तरह दिखती हैए इसलिए यहां कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मेजबानी भी होती है। माना जाता है कि गुफा वह स्थान हैए जहां से पल्लव राजा अपनी जनता को संबोधित करते थे।

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