क्या अपने कभी पहाड़ों से गिरता जादू देखा है? यदि नहीं, तो कम से कम एक बार थेनी जिले के रमणीय इलाक़ों में 46 मीटर की ऊँचाई से गर्जना के साथ नीचे गिरते सुरूली झरने द्वारा रचे गए सुरम्य परिवेश की पृष्ठभूमि में उत्पन्न होते जादुई संगीत के साक्षी अवश्य बनें। 

सुरूली नदी से उत्पन्न होता यह द्विस्तरीय जलप्रपात पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है। इस जलप्रपात का पहला चरण मेघमलाई पर्वत श्रृंखला से अपनी यात्रा शुरू करने वाली सुरूली नदी के पानी से उत्पन्न होता है। अपने प्रस्थान बिंदु पर पहुँच कर यह झरना शान से 46 मीटर नीचे उतरता है, और फिर वहाँ से एक कुंड में गिरने के बाद यह भव्य जलप्रपात आगे बढ़ कर 12 मीटर की ऊँचाई से दोबारा गिरता है, जो इसका दूसरा स्तर है। सुरुली झरने की यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा समय जून और अक्टूबर के बीच माना जाता है। इस झरने के पास कपड़े बदलने के लिए विशेष कक्ष और नहाने के लिए और फ़व्वारे भी बनाए गए हैं। माना जाता है कि इस झरने के पानी में औषधीय गुण हैं, और इस बात का उल्लेख तमिल साहित्य के सबसे महान महाकाव्यों में से एक, इलंगो आदिगल द्वारा लिखे गए सिलापट्टीकरम में भी किया गया है।

अन्य आकर्षण