बिड़ला अकादमी ऑफ़ आर्ट एंड कल्चर ललित कला का एक केंद्र है। यह एक संग्रहालय भी है, जो पहली शताब्दी ईसा पूर्व से आज तक भारतीय कला की समृद्धि और विकास को दर्शाता है। यहां पर आधुनिक और पश्चिमी कला के साथ समकालीन कलाकारों द्वारा निर्मित कला के कई उदाहरण मौजूद हैं। यहां पर नियमित रूप से अखिल भारतीय प्रदर्शनियां, एकल कार्यक्रम, सामूहिक प्रदर्शनियां और कला मेले का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा, शैक्षिक कार्यक्रम, व्याख्यान, सेमिनार, फिल्म शो और कला समालोचना का भी आयोजन यहां होता है। यहां पर एक पुस्तकालय भी है, जिसमें कई पुस्तकें, जर्नल्स और पत्रिकाएं मौजूद हैं। कई अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों ने अपनी रचनाएं यहां प्रदर्शित की हैं, जिनमें फ्रांसीसी मूर्तिकार रोडिन, हेनरी मूर और पिकासो शामिल हैं। रशियन फेस्टिवल शो, जर्मन एक्सप्रेशनिस्ट ग्राफिक्स, फ्रेंच डिजाइन, ब्रिटेन की पोर्सलिन के साथ-साथ अमेरिका और चीन ने भी इस स्थान के आकर्षण को बढ़ाया है। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) और USIS के सहयोग से, यहां पर जाने-माने अमेरिकी नाटकों का भी मंचन किया गया है। समकालीन कला और कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए, अकादमी दूसरी और चौथी मंजिलों की अपनी दीर्घाओं और सभागारों को बहुत ही मामूली दरों पर किराए पर देती है।

अन्य आकर्षण