जोरहाट से करीब 50 किमी की दूरी पर स्थित प्रसिद्ध सिवसागर सरोवर। सिवसागर शहर में स्थित यह सरोवर पूरी तरह कृत्रिम है और करीब 129 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला है। पहले इसे सिबसागर के नाम से जाना जाता था, जिसका शाब्दिक अर्थ है- भगवान शिव का समुद्र। वैसे तो असम के इस ऊपरी हिस्से में सैलानियों के लिए बहुत से पर्यटन स्थल हैं, लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान 200 वर्ष पहले बना यह सिवसागर सरोवर ही खींचता है। 

इस शहर में अहोम शासन काल (1228-1826) के दौरान बनाए गये और भी बहुत से ऐतिहासिक स्थल हैं, जो यहां के गौरव का प्रतीक माने जाते हैं। वैसे यह कहना गलत न होग कि यहां के खूबसूरत चाय के बागान भी इस स्थान की खास पहचान बन चुके हैं। सिवसागर सरोवर के अलावा यहां तीन प्रमुख मंदिर भी हैं, जो इस सरोवर के चारों ओर बने हैं, जिन्हें शिव डोल, विष्णु डोल और देवी डोल के नाम से जाना जाता है। इन सभी मंदिरों का निर्माण सन 1734 में रानी मदम्बिका द्वारा करवाया गया था। इन मंदिरों के अलावा शहर में स्थित तलातल घर, करेंग घर और गरगांव पैलेस भी प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं। 

अन्य आकर्षण