शहर के बीचोबीच स्थित रघुनाथ मन्दिर उत्तर भारत का सबसे बड़ा तीर्थस्थल है। यहाँ सात मन्दिर हैं जिनके प्रत्येक अपने-अपने शिखर हैं। मुख्य मन्दिर भगवान राम को समर्पित है। इस मन्दिर की एक उल्लेखनीय विशेषता यह है की मन्दिर के तीन ओर का अन्दरूनी भाग सोने की चादरों से ढका हुआ है। इसके अतिरिक्त इसमें एक गैलरी है जिसमें अनेक शिवलिंग तथा सालिग्राम हैं। मन्दिर की दीवारों की कारीगरी आँखों को अपनी ओर तुरन्त आकर्षित कर लेती है। इस मन्दिर में एक पुस्तकालय भी है जिसमें संस्कृत की दुर्लभ पुस्तकें तथा पाण्डुलिपियाँ रखी हुई हैं।इस मन्दिर का निर्माण 1853 में जम्मू तथा कश्मीर राज्य के संस्थापक महाराजा गुलाब सिंह द्वारा प्रारम्भ कराया गया था और 1860 में उनके पुत्र महाराजा रणवीर सिंह द्वारा इसका निर्माण पूरा किया गया।

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