दिल्ली के बाहरी इलाके में स्थित, तुगलकाबाद प्राचीन स्मारकों से भरा हुआ है। 14 वीं शताब्दी में दिल्ली पर शासन करने वाले तुगलक वंश की यह राजधानी थी। इस शहर में पत्थर के आकर्षक किले हैं, जो इसे एक अनियमित घेरे से घेरे हुए है। तुगलक वंश के स्मारकों की विशिष्ट विशेषता उसकी ढलानें और मलबे से भरी शहर की दीवारें हैं, जिनकी ऊंचाई 10-15 मीटर तक है। ये दीवारें युद्धपरक मुड़ेरों से सुसज्जित हैं और इसकी सुरक्षा को और सशक्त करने के लिये उसके उपर दो मंजिले दुर्ग बने हैं। शहर का मुख्य आकर्षण तुगलकाबाद किला है, जिसकी स्थापना सन् 1386-1321 में गयासुद्दीन तुगलक ने की थी। यह किला अरावली पर्वतमाला की पहाड़ियों पर स्थित है और इसकी दीवारें 6 किमी तक लंबी हैं। इस किले के निर्माण का मुख्य उद्देश्य लगातार होने वाले मंगोल हमलों के खिलाफ इसकी रक्षा करना था। शहर के अन्य आकर्षणों में एक बड़ा कृत्रिम जल भंडार, आदिलाबाद का किला आदि शामिल हैं।

अन्य आकर्षण