राज्य जनजातीय संस्कृति अकादमी त्रिपुरा की जातीय संरचना में एक व्यापक अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। इस राज्य की सदियों पुरानी जनजातीय संस्कृतियों को बढ़ावा देने और उनके संरक्षण के लिए 2009-2010 के कालखंड में इसे स्थापित किया गया था। इस अकादमी में आदिवासी वेशभूषा, हस्तशिल्प, उपकरण, बर्तन और दैनिक जीवन की वस्तुओं का सुंदर प्रदर्शन किया जाता है, जो राज्य के 19 आदिवासी संस्कृतियों से लिए गए हैं। इनमें से अधिकांश भारतीय-मंगोल परिवारों के बोडो समूह से सम्बद्ध हैं। यदि आप त्रिपुरा के इतिहास में झांकने के इच्छुक हैं, तो यह अकादमी आपको वास्तव में एक रोमांचक अनुभव प्रदान कर सकती है।

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