वांकानेर,राजकोट से लगभग 60 किमी दूर स्थित है, जिसका नाम नदी के एक मोड़ की वजह से पड़ा है; 'वांका' का अर्थ है झुकना और 'नेर' का अर्थ है नदी। यह एक देशी रियासत हुआ करती थी जिस पर झाला राजपूतों का शासन था और इसीलिए इसे झालावाड़ भी कहा जाता है। अपने इन दो राजसी अतिथि गृहों के लिए यह प्रसिद्ध है - 'रॉयल रेजि़डेंसी' और 'रॉयल ओएसिस', जिन्हें अब हेरिटेज होटलों में बदल दिया गया है। रॉयल ओएसिस माचू नदी के तट पर स्थित है। इसके परिसर में 20 वीं सदी की एक बावड़ी भी है। इस महल में यूरोपीय शैली की वास्तुकला झलकती है। शाही परिवार के लिए यह ग्रीष्मकालीन महल होता था। शहरी जीवन की उथल-पुथल के बीच मन-बहलाव के लिए यह एक मनोरम आदर्श जगह है। रणजीत विलास पैलेस यहां का एक प्रमुख आकर्षण है जहां अनेक वास्तुकला शैलियों को एक ही स्थान पर देखा जा सकता है। पूर्वी शैली के संगमरमरी छज्‍जे, गोथिक मेहराबें व स्तंभ, खिड़कियों के फ्रेंको-इतालवी शीशे के पटल और एक मुग़लिया गुंबद के साथ एक क्‍लॉक टॉवर इस महल की कुछ विशेषताएं हैं। इस इमारत में मोटर गाडि़यों का एक शानदार संग्रह भी मौजूद है।

अन्य आकर्षण