कठुआ का एक कस्बा बशोली रावी नदी के तट पर 1,876 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। बलौरिया के राजा भूपत पाल द्वारा 1635 में स्थापित बशोली भव्य महलों तथा कलाकृतियों के लिए प्रसिद्ध है जिसे बशोली चित्रकला कहा जाता है। यह कला 17वीं एवं 18वीं शताब्दी में एक नवीन कला के रूप में विकसित हुई। यह जम्मू से लगभग 149 किमी की दूरी पर है।यहाँ का प्रमुख आकर्षण धार महानपुर है जो कि हिमालय की गोद में स्थित एक विलक्षण स्थान है। घने देवदार तथा चीड़ के वृक्षों एवं झाड़ियों से घिरे इस स्थान में अनेक पर्यटन मेलों का आयोजन किया जाता है। यहाँ मुख्य चौक के निकट ही चामुण्डा देवी का मन्दिर है जो पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहाँ चामुण्डा देवी की प्राकृतिक शिलाखण्ड है, जिसकी पूजा की जाती है।

अन्य आकर्षण