पर्वतारोहण

अपनी हरी-भरी घाटियों के बीच विभिन्न रोमांचक पर्वतारोही मार्गों को समेटे हुए मिज़ोरम रोमांच-प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान है। इसकी सुरम्य घाटियों से होते हुए पर्वतारोहण करना न सिर्फ़ नई ताज़गी देता है, बल्कि मिजो लोगों के साथ बातचीत करने और उनकी अनूठी संस्कृति के बारे में जानने का अवसर भी देता है। मिजोरम में लगभग 21 अद्भुत पर्वत चोटियाँ हैं, जिनमें ब्लू माउंटेन पर्वतारोहियों के बीच सबसे प्रसिद्ध है। फावंगपुई, थलजांग खाम, माउंट मावमा और माउंट काह्री की चट्टानें भी काफी लोकप्रिय हैं। मिज़ोरम में पर्वतारोहण और अन्य साहसिक गतिविधियों में शामिल होने का सबसे अच्छा मौसम सितंबर और अक्टूबर के महीनों के दौरान है। यदि पर्यटक 6,000 मीटर से अधिक ऊंची चोटियों पर चढ़ना चाहते हैं, तो उन्हें भारतीय पर्वतारोहण महासंघ से विशेष परमिट लेने की आवश्यकता होती है।

पर्वतारोहण

खरीदारी

मिजोरम में हस्तशिल्प की सामग्री सबसे अच्छी है, विशेषकर बेंत और बांस से बनी हुई वस्तुएँ जो सुंदर और लंबे समय तक चलने वाली होती हैं, जैसे टोपी, बर्तन, टोकरी और फर्नीचर। पर्यटक मिज़ो महिलाओं द्वारा बुने गए शॉल, आकर्षक डिजाइन और पैटर्न में घर के बुने हुए कपड़े, और रंगीन पारंपरिक स्कर्ट जिसे स्थानीय भाषा में ‘पुआन’ के नाम से जाना जाता है, खरीद सकते हैं। आइज़ॉल के बाज़ार चमकदार ऊनी कपड़ों और खूबसूरत बांस की चीज़ें बेचने वाली दुकानों से अटे पड़े हैं। बड़ा बाज़ार शहर का सबसे व्यस्त बाज़ार है तथा न्यू मार्केट, सोलोमन की गुफा, थाक्तिंग बाज़ार और रिट्ज़ बाज़ार आइज़ॉल के कुछ अन्य महत्वपूर्ण शॉपिंग सेंटर हैं। मिजोरम म्यांमार के साथ अपनी सीमा साझा करता है, अतः यहाँ रंगून की विशेष वस्तुओं की खरीदारी भी की जा सकती है। रिट्ज बाजार में स्थित राज्य सरकार और हथकरघा एम्पोरियम यहाँ की पारंपरिक वस्तुओं की खरीदारी के लिए प्रसिद्ध है, जिनमें बांस से बनी पारंपरिक मिजो टोपी जिसे ‘खुमबेऊ’ के नाम से जाना जाता है, और पारंपरिक तरीकों से बुने हुए उत्तम बैग शामिल हैं।

खरीदारी

गुफा पर्यटन

मिजोरम की खूबसूरत नक्काशीदार गुफाएं देश के विभिन्न हिस्सों से रोमांचप्रिय लोगों को आमंत्रित करती हैं और पूर्वोत्तर राज्य में सबसे अधिक पसन्द किए जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक हैं। मिजोरम की प्रसिद्ध गुफाओं में आइज़ॉल जिले में लैमसियल और पुकजिंग गुफाएँ और लुंगलेई में कुंगाव्री पुक गुफा और मिलु पुक शामिल हैं। पुकज़िंग गुफा मिज़ोरम की सबसे बड़ी गुफा भी है और सबसे अधिक देखी जाने वाली गुफा भी। इन सभी गुफाओं के साथ कोई न कोई पौराणिक कथा, मिथक या लोककथा जुड़ी हुई है। कुंगाव्री पुक गुफा विशेष रूप से प्रसिद्ध है और आइलांग में रियेक के पास, आइज़ॉल से लगभग 30 किमी दूर स्थित है। कई लोग इस लगभग 162 मीटर लंबी गुफा को मिजोरम राज्य में सबसे लंबी गुफा मानते हैं। रोमांचप्रिय लोग यहाँ के अंधेरों, अजीबोगरीब ध्वनियों और प्राकृतिक संरचनाओं को विशेष रूप से आकर्षक पाते हैं।

गुफा पर्यटन

मत्स्य आखेट

अनेक खूबसूरत जल धाराओं और नदियों से आबद्ध मिज़ोरम पर्यटकों को मछलियों के शिकार के लिए कई प्रकार के आश्चर्यजनक अवसर मुहैया करवाता है, जिसके लिए आवश्यक आदर्श जलवायु परिस्थितियों का यहाँ प्रादुर्भाव है। मत्स्य आखेट के लिए कुछ सबसे अच्छे स्थानों में, आइज़ॉल में तमदिल झील और साहा में छिमटुईपुई नदी हैं। एक ओर तमदिल जहाँ अपनी विविध प्रजातियों की मछलियों और झींगों के लिए जाना जाता है, वहीं छिमटुईपुई नदी अपनी सैलमन, स्थानीय ट्राउट और कैटफ़िश मछलियों के लिए मशहूर है। मिजोरम के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित पलक दिल झील भी मत्स्य आखेट के लिए एक अद्भुत जगह है। ट्राउट, महसीर और केकड़े कुछ ऐसी मछलियों की प्रजातियाँ हैं जिन्हें आप पलक दिल झील में पा सकते हैं। ऐसे अन्य प्रमुख स्थलों में कोलाज़िब में त्लावांग नदी और आइज़ॉल में रंगदिल और रेन्दिल झीलें शामिल हैं।

मत्स्य आखेट

पर्वतारोहण

बड़ी संख्या में पर्यटक मिजोरम में पर्वतारोहण करने के लिए पहुंचते हैं। पर्वतारोहियों के लिए फवांगपुई चोटी और राष्ट्रीय उद्यान, लुंगलेई शहर और चंपई सबसे अच्छे विकल्पों में से कुछ एक हैं। आइज़ॉल में पर्वतारोहण के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि इसके नितांत अनदेखे, अनछुए वन हैं, जो पर्यटकों को अचंभित करने वाले अनुभवों व प्राकृतिक दृश्यों से परिचित करवाते हैं। फवांगपुई, जिसे राष्ट्रीय उद्यान के रूप में घोषित किया गया है, लगभग 50 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है और यहाँ तक पहुँचने का सबसे अच्छा तरीका पर्वतारोहण ही है। यहाँ ऑर्किड और रोडोडेंड्रोन जैसे कई खूबसूरत पौधों व वनस्पतियों की दुर्लभ सुन्दरता देखी जा सकती है। एक दूसरा पर्वतारोहण पथ आपको रियेक और आयलवांग नाम के खूबसूरत गांवों तक पहुँचाता है। इसमें लगभग आधे घंटे का समय लगता है, और इसका रास्ता एक पहाड़ी सड़क के माध्यम से जंगलों और झरनों की एक श्रृंखला से गुज़रते हुए जाता है।

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